होटल में Waiter के तौर पर किया काम, UPSC में 6 बार हुए फेल, फिर ऐसे बने IAS

IAS या IPS अधिकारी बनना या यूपीएससी क्रैक करना लाखों छात्रों का सपना होता है, लेकिन इसे हासिल करने के लिए दृढ़ निश्चय, दृढ़ता और एक सुनियोजित रणनीति की आवश्यकता होती है। K Jayaganesh उन उम्मीदवारों में से एक एक रहे हैं, जिनका मानना था कि 'होगा ! अगर इस बार नहीं तो अगली बार होगा' अपनी इसी पॉजिटिव सोच के दम पर उन्होंने अपने आखिरी अटेम्प्ट में सफलता पाई। K Jayaganesh ने यूपीएससी क्रैक करने की लगातार 6 साल कोशिश की, सातवीं और अपने आखिरी अटेम्ट में उन्होंने सफल होकर सबको दिखा दिया कि मन में विश्वास बनाना और उसे जगाए रहना कितना जरूरी है।

होटल में Waiter के तौर पर किया काम UPSC में 6 बार हुए फेल फिर ऐसे बने IAS
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होटल में Waiter के तौर पर किया काम, UPSC में 6 बार हुए फेल, फिर ऐसे बने IAS

K Jayaganesh के लिए, सफलता की यात्रा असाधारण से कम नहीं थी - यह इस बात का प्रमाण है कि कैसे धैर्य से विपरीत परिस्थितियों पर विजय प्राप्त की जा सकती है। जहां लोग पहली हार से निराश होकर टूट जाते हैं, वहां K Jayaganesh ने लगातार 6 बार दृढ़ निश्चय, दृढ़ता और रणनीति को अपनाए रखा।और पढ़ें

फैक्ट्री मजदूर के बेटे हैं K Jayaganesh
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फैक्ट्री मजदूर के बेटे हैं K Jayaganesh

एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले, जयगणेश के पिता एक फैक्ट्री मजदूर के रूप में काम करते थे। उनके घर परिवार ने वित्तीय संघर्ष किया है। कठिनाइयों से घिरे रहने के बावजूद, उन्होंने IAS अधिकारी बनने का सपना देखा। हालांकि, अपनी सफलता से पहले, उन्हें UPSC सिविल सेवा परीक्षा में लगातार छह बार असफलता का सामना करना पड़ा।और पढ़ें

सिनेमा हॉल में बिलिंग क्लर्क तो कभी होटल में waiter
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सिनेमा हॉल में बिलिंग क्लर्क तो कभी होटल में waiter

K Jayaganesh ने गांव में स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने पॉलिटेक्निक अध्ययन में डिप्लोमा किया और बाद में थानथाई पेरियार इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया। खुद को इतना तैयार करने के बाद उन्होंने स्थिर नौकरी के लिए संघर्ष किया। उन्होंने कई तरह के काम धंधे किए, जिनमें सिनेमा हॉल में बिलिंग क्लर्क और होटल में वेटर का काम करना शामिल था। इन भूमिकाओं से उन्हें बहुत कम आर्थिक स्थिरता मिली, जिससे उन्हें अपनी स्थिति की वास्तविकता का सामना करना पड़ा।और पढ़ें

जब नहीं हो पाया गुजारा
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जब नहीं हो पाया गुजारा

छोटे मोटे काम धंधों से अपना या घर का गुजारा नहीं चल रहा था, ऐसे में उन्होंने बड़ा अधिकारी बनने की सोची और IAS बनने की ठान ली। IAS की तैयारी के दौरान उन्हें समझ आ गया कि इस परीक्षा को पास किया जा सकता है, लेकिन इस परीक्षा के लिए समर्पित होना पड़ेगा। उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और खुद को पूरी तरह से UPSC की तैयारी में लगा दिया।और पढ़ें

6 बार हुए फेल
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6 बार हुए फेल

उन्हें बार-बार असफलताओं का सामना करना पड़ा। वे 6 बार UPSC में फेल हुए, इस दौरान उन्हें इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में एक पद की पेशकश की गई, जो एक आशाजनक अवसर था। हालांकि, जयगणेश ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार किया क्योंकि उनके पास एक आखिरी अटेम्प्ट बचा था, और इस निर्णय ने उनकी हमेशा के लिए जिंदगी बदल दी। उन्होंने AIR 156 के साथ UPSC पास कर दिखाया।और पढ़ें