Beno Zephine हैं भारत की पहली 100 प्रतिशत दृष्टिबाधित IFS ऑफिसर, जानें कैसे रचा था इतिहास

सबको सब कुछ नहीं मिलता, लेकिन अपने लक्ष्य को पाने के लिए जीतोड़ कोशिश करने से आपको बेस्ट जरूर मिलेगा। आज जानेंगे Beno Zephine के बारे में, जो कि भारत की पहली 100 प्रतिशत दृष्टिबाधित IFS ऑफिसर हैं। वाकई यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, क्योंकि आज भी बहुत से टैलेंटेड लोग यूपीएससी द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षा देने के बारे में सोचते नहीं है, और जो सोचते हैं वे सभी प्रयास नहीं करते, जो प्रयास करते हैं, उनमें से गिने चुने लोगों को सफलता मिलती है, लेकिन ये कहानी इन सब लोगों से परे हैं, ये कहानी है भारत के गर्व के बारे में, जिनका नाम Beno Zephine है, मात्र 25 वर्ष की आयु में इन्हें भारत की पहली 100 प्रतिशत दृष्टिबाधित IFS ऑफिसर बनने का गौरव प्राप्त हुआ है, जानिये इनकी कहानी

देश की पहली 100 प्रतिशत दृष्टिबाधित IFS अधिकारी
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देश की पहली 100 प्रतिशत दृष्टिबाधित IFS अधिकारी

जाहिर है, जो शारीरिक रूप से अक्षम है उसे लक्ष्य त​​क पहुंचने के लिए और भी कठिन रास्ते से गुजरना होता है, लेकिन हौसला हो तो क्या मुमकिन नहीं है, बस कुछ ऐसी ही कहानी है Beno Zephine की, जिन्होंने दृष्टिबाधित होने के बावजूद यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की और देश की पहली 100 प्रतिशत दृष्टिबाधित आईएफएस अधिकारी बनीं।और पढ़ें

Beno Zephine का परिवार
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Beno Zephine का परिवार

चेन्नई, तमिलनाडु में जन्मी Beno Zephine के पिता रेलवे कर्मचारी हैं, और उनकी मां गृहिणी हैं। उनकी शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो उन्होंने खुद अंग्रेजी साहित्य में मास्टर डिग्री हासिल की। ​​इस शैक्षणिक सफलता ने उनके भविष्य के प्रेरक प्रयासों की नींव रखी।

एसबीआई में की है नौकरी
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एसबीआई में की है नौकरी

दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी के दौरान भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में प्रोबेशनरी ऑफिसर के रूप में भी काम किया था। प्रेरणा से भरे उनके इस शानदार सफर में अगर पहला श्रेय किसी को जाता है, तो वे हैं उनके माता-पिता, जिन्होंने उनकी यात्रा में अहम भूमिका निभाई।

स्कूल में तय कर लिया था करियर
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स्कूल में तय कर लिया था करियर

स्कूल के दिनों से ही Beno Zephine ने सिविल सेवा में जाने का मन बना लिया था। इस यात्रा में उनके माता-पिता से मिले अटूट सहयोग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके लिए उन्होंने (Braille) 'ब्रेल लिपि' में लिखी किताबें पढ़कर तैयारी की। उन्होंने इंटरनेट पर अपने विषयों को सुनकर सीखा और समझा।

हौसलों की उड़ान
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हौसलों की उड़ान

उनके हौसले और मेहनत इतनी प्रबल थी, हर लक्ष्य को खुद ब खुद झुकना पड़ा। जून 2014 में Beno Zephine ने यूपीएससी परीक्षा पास कर ली और अखिल भारतीय स्तर पर 343वीं रैंक हासिल की। Beno Zephine भले देख नहीं सकती लेकिन उन्होंने लाखों लोगों व अक्षम महिलाओं को यह दिखा दिया कि आप किसी से कम नहीं है, जरूरत है तो आज से शुरूआत करने की।और पढ़ें

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