पिता से किया वादा, UPSC के लिए 10 साल छोड़ा घर, साक्षी ने IPS बनकर रचा इतिहास

यूपीएससी सिविल सर्विस जैसी कठिन परीक्षा को क्रैक करने वाले हर छात्र की कहानी बेहद प्रेरणादायक होती है। ऐसी ही कहानी है बिहार की रहने वाली IPS साक्षी कुमारी की। यूपीएससी सिविल सर्विस की परीक्षा क्रैक करने के लिए साक्षी ने 10 साल तक घर से दूरी बना ली थी। हालांकि, उनका सफर आसान नहीं था ऐसे में आइए साक्षी के IPS बनने की कहानी पर एक नजर डालते हैं।

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IPS Sakshi KumaUPSC सिविल सर्विस परीक्षा

यूरीएससी सिविल सर्विस परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षा कहा गया है। हर साल लाखों की संख्या में परीक्षार्थी इस परीक्षा के लिए आवेदन करते है, लेकिन कुछ को ही इसमें सफलता हासिल हो पाती है। यूपीएससी 2021 की परीक्षा शानदार रैंक से क्रैक करने वाली साक्षी कहानी बेहद रोचक है।

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IPS साक्षी कुमारी

साक्षी कुमारी मूलरूप से बिहार के कैमूर जिले के मोहनिया गांव की रहने वाली हैं। बेहद साधारण परिवार से आने वाली साक्षी की शुरुआती पढ़ाई गांव में ही हुई। उन्होंने DAV School मोहनिया से 10वीं की परीक्षा पास की।

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बनारस में पढ़ाई

10वीं की परीक्षा पास होने के बाद साक्षी कुमारी साल 2011 में बनारस चली गईं। यहां सनबीम स्कूल से उन्होंने 12वीं की परीक्षा पास की। बता दें कि साक्षी ने 2011 के बाद जो गांव छोड़ा वो वापस आईपीएस बनने के बाद ही वहां गईं।

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लखनऊ और दिल्ली से पढ़ाई

स्कूलिंग खत्म करने के बाद साक्षी लखनऊ चली गईं। उन्होंने लखनऊ के रामस्वरूप कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरा किया। ग्रेजुएशन के बाद वो घर नहीं गईं बल्कि दिल्ली जाने का फैसला किया। अब उन्हें यूपीएससी क्रैक करने का जुनून सवार हो चुका था।

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मिली असफलताएं

दिल्ली आकर साक्षी ने यूपीएससी परीक्षा दी। पहला प्रयास उन्होंने बिना किसी कोचिंग के दिया। उन्हें इसमें असफलता हासिल हुई। साक्षी अपने दूसरे प्रयास में भी पास नहीं हो पाईं। असफलताओं से उन्होंने हार नहीं मानी बल्कि अपनी तैयारी को और बेहतर करने में लग गईं।

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UPSC 2021 में मिली सफलता

साल 2021 की यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में साक्षी को ऑल इंडिया रैंक 330 प्राप्त हुआ। साक्षी आईपीएस सर्विस के लिए चुनी गईं। फिलहाल साक्षी बिहार कैडर में ही बतौर आईपीएस अधिकारी तैनात हैं।