पिता ऑटो ड्राइवर, छोटे भाई के मौत का गम, इन परिस्थितियों में रूबी प्रजापति ने क्रैक की NEET परीक्षा

रूबी प्रजापति ने अपने पांचवे प्रयास में NEET परीक्षा क्रैक की। पांचवे प्रयास का मतलब है कि उनमें इस परीक्षा का पास करके का कितना जुनून था। ये जुनून ही है, तो किसी छात्र को उसका लक्ष्य पूरी करने में मदद करती है। चलिए पढ़ते हैं रूबी प्रजापति की इस जुनूनी कहानी ​के बारे में। एक लड़की जिसके पिता ऑटो ड्राइवर ​हैं, गरीब घर से होने के बावजूद उसने दुनिया को अपना लोहा मनवाया, संसाधन के अभाव में केवल एक चीज काम आ सकती थी वो थी कड़ी लगन, जिसे रूबी ने बखूबी इस्तेमाल किया। हार के बाद हार, एक और हार, कुछ चार असफलताओं के बावजूद निराशा को दिमाग में घर नहीं करने दिया, यही तो काबिल छात्र की ताकत थी।

हार के पत्थर से बनाया रास्ता
01 / 04

हार के पत्थर से बनाया रास्‍ता

NEET मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन के लिए एक एंट्रेस एग्जाम है, इसे भारत के सबसे कठिन परीक्षा में से एक माना जाता है, लेकिन मजाल थी कि रूबी प्रजापति के दृढ़ संकल्प के सामने कठिनाई ज्यादा देर तक खड़ी रहे।

शिद्दत से की पढ़ाई
02 / 04

शिद्दत से की पढ़ाई

रूबी प्रजापति पूरे शिद्दत से डॉक्टर बनना चाहती थी, इसलिए उन्होंने हार की परवाह नहीं की, और पांचवी बार में नीट परीक्षा पास कर दिखाया। आज वे दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल वर्धमान मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहीं हैं।

पिता कि दोस्त ने की मदद
03 / 04

पिता कि दोस्त ने की मदद

रूबी प्रजापति ने अपने 5वें प्रयास में 635 अंक प्राप्त किए थे, बता दें, रूबी प्रजापति गुजरात के एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखती हैं। गौरतलब है कि मेडिलक कोर्सेज में एडमिशन के लिए पैसे लगते हैं, जो एक आटो ड्राइवर के पास होना मुश्किल है, ऐसे मेें रूबी के पिता के दोस्त ने पैसों की मदद की। उन्होंने रूबी के कोचिंग का खर्चा उठाया। और पढ़ें

छोटे भाई की मौत
04 / 04

छोटे भाई की मौत

रूबी के छोटे भाई की मौत हो चुकी है, रूबी की मां को लगता था कि अगर उसे अच्छा इलाज मिलता तो वो बच सकता था। गरीब होने की वजह से वो महंगा और बेस्ट ट्रीटमेंट नहीं करा पाए, उस घटना के बाद रूबी की मां ने उनको डॉक्टर बनने के लिए प्रेरित किया।

End of Photo Gallery

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited