बिना कोचिंग पहले प्रयास में बनीं IAS अधिकारी, इंटरव्यू की तैयारी के लिए पढ़ीं ये किताबें

UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने में छात्रों को आम तौर पर कई साल लग जाते हैं। इस दौरान कुछ ज्यादातर उम्मीदवार कोचिंग करते हैं, जबकि कुछेक सेल्फ स्टडी पसंद करते हैं। ये कहानी भी ऐसे ही एक शख्स की है। पंजाब के गुरदासपुर की रहने वाली रुक्मणी रियार ने कोचिंग क्लास की मदद के बिना यूपीएससी परीक्षा पास की और आईएएस बन गईं।

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बिना कोचिंग पहले प्रयास में पास की UPSC

पंजाब के गुरदासपुर की रहने वाली रुक्मणी रियार की तैयारी इतनी स्ट्रांग थी कि उन्होंने बिना कोचिंग संघ लोक सेवा परीक्षा द्वारा आयोजित होने वाली सबसे कठिन परीक्षा यानी सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली।

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Rukmani Riar की रैंक

आज वे एक आईएएस अधिकारी है, इन्होंने आल इंडिया रैंक 2 हासिल की थह। रुक्मणी रियार एक अच्छी छात्रा नहीं थीं, वे कक्षा छठी में फेल हो गई थीं। इसके बाद से उन्हें डर था कि लोग उनके बारे में बुरा-भला कहेंगे। लेकिन जल्द ही उन्होंने अपने डर को काबू किया, हिम्मत जुटाई और पढ़ाई और मन लगाने की ठानी।

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Rukmani Riar ने कहां से की है पढ़ाई

रुक्मणी ने तीसरी कक्षा तक गुरदासपुर में पढ़ाई की और उसके बाद चौथी कक्षा से डलहौजी के सेक्रेड हार्ट स्कूल में पढ़ाई की। उन्होंने अमृतसर में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से सामाजिक विज्ञान की डिग्री हासिल की है। उन्होंने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज से मास्टर ऑफ सोशल साइंस भी किया है - जिसमें उन्हें गोल्ड मेडल मिला है।

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कब शुरू की सिविल सर्विसेज की तैयारी

स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने मैसूर में आशोदया और मुंबई में अन्नपूर्णा महिला मंडल जैसे कुछ गैर सरकारी संगठनों के साथ इंटर्न के रूप में काम किया, जबकि योजना आयोग के साथ काम किया। रुक्मणी की सिविल सेवाओं में रुचि हो गई और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा देने का विचार किया। रुक्मणी ने भी अपनी इंटर्नशिप पूरी करने के तुरंत बाद अपनी तैयारी शुरू कर दी और एक ही बार में सफल हो गईं।

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कैसे की तैयारी, कौन सी पढ़ी किताबें

उन्होंने कोचिंग क्लास की मदद लिए बिना केवल एक बार यूपीएससी की परीक्षा दी। 2011 में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 2 हासिल की और आईएएस अधिकारी बनने का अपना सपना पूरा किया। इंटरव्यू की तैयारी के लिए रुक्मणी ने कक्षा 6-12 तक की एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों का अध्ययन किया और रोजाना अखबार और पत्रिकाएं पढ़ने की आदत डाली, जिससे उन्हें इंटरव्यू में काफी फायदा हुआ। इसके अलवा उन्होंने कई मॉक टेस्ट दिए, ताकि वह अपनी गलतियों को कम कर सकें और अपनी तैयारी की रणनीति के तहत पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों को हल किया।