बच्चों का पीटना तो दूर, उंगली भी टच नहीं कर पाएंगे यूपी स्कूल के टीचर, जारी हुआ आदेश, जानें क्यों लिया गया निर्णय

एक समय था जब स्कूलों में बच्चों को तेज डांट दिया जाता था, या कई बार उनकी उम्र की हिसाब से छात्रों की पिटाई भी कर दी जाती थी, लेकिन समय के साथ हर चीज में बदलाव हो रहा है। खबर है कि यूपी के परिषदीय विद्यालयों को लेकर शासन की ओर ऐसे आर्डर आए हैं, जिसके अनुसार, परिषदीय स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए टीचर शारीरिक दंड नहीं दे पाएंगे यानी उनकी पिटाई नहीं होगी। जानें क्या है पूरी खबर

बच्चों का पीटना तो दूर उंगली भी टच नहीं कर पाएंगे यूपी स्कूल के टीचर
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बच्चों का पीटना तो दूर, उंगली भी टच नहीं कर पाएंगे यूपी स्कूल के टीचर

अगर आप यूपी के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे हैं या आपके जानने वाला पढ़ रहा है, तो इस खबर को पूरी पढ़ें, क्योंकि अब इन स्कूलों में फिजिकल रूप से बच्चों की पिटाई नहीं हो सकती है। इस संबंध में महानिदेशक बेसिक शिक्षा कंचन वर्मा ने प्रॉपर आदेश जारी कर दिया है।

नहीं होगी बच्चों की पिटाई
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नहीं होगी बच्चों की पिटाई

महानिदेशक बेसिक शिक्षा कंचन वर्मा ने ने कहा है कि अगर किसी शिक्षक द्वारा शिक्षण कार्य के दौरान बच्चे की पिटाई का मामला सामने आया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

क्यों लिया ये निर्णय
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क्यों लिया ये निर्णय

जाहिर है, समय समय पर ऐसी खबरें आती रहती हैं, जिसमें टीचर की पिटाई से बच्चों को शारीरिक रूप से कष्ट हुआ हो। प्रदेश के कुछ जनपदों से शिक्षकों द्वारा शिक्षण कार्य के दौरान छात्रों की बेरहमी से पिटाई करने और प्रयागराज के एक स्कूल में बच्चे को क्लास में बंद कर घर जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए ये ​निर्णय लिया गया है।और पढ़ें

पीटना नहीं छू भी नहीं सकेंगे छात्रों को
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पीटना नहीं छू भी नहीं सकेंगे छात्रों को

महानिदेशक बेसिक शिक्षा कंचन वर्मा द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अब शिक्षक बच्चों के लिए शिक्षण कार्य के दौरान पीटना तो दूर उन्हें उंगली भी टच नहीं कर पाएंगे। साथ ही साथ बच्चों को डांटने का भी अधिकार नहीं होगा। इसके बजाय शिक्षकों को बच्चों को अच्छे से समझाने की जरूरत होगी।

मुर्गा भी नहीं बना सकेंगे
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मुर्गा भी नहीं बना सकेंगे

कई जगह ऐसी भी मामले सामने आए हैं, जिसमें टीचर द्वारा बच्चों को मुर्गा बना दिया जाता है। लेकिन अब ऐसा नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा बच्चों को फटकारना, उन्हें दौड़ाना, हाथ ऊपर करके खड़ा करना, क्लास रूम में अकेले बंद करना ये सब कुछ प्रतिबंधित है। यही नहीं, बच्चे किसी भी समुदाय या वर्ग के हों, उनमें भेदभाव नहीं करना होगा। इन सारे नियमों के बारे में बच्चों को भी बताया जाए, ऐसे प्रबंध करने के लिए भी कहा गया है।और पढ़ें

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