NEET के बिना भी बन सकते हैं ‘डॉक्टर’, करें ये टॉप मेडिकल कोर्स, सैलरी होगी लाखों में

बायोलॉजी में रूचि रखने वाले स्टूडेंट्स 10वीं या 12वीं के बाद डॉक्टर बनना चाहते हैं। वे जानते हैं कि इसके लिए नीट क्रैक करना कितना जरूरी है. ‘डॉक्टर’ बनने के लिए केवल दो विकल्प हैं- पहला, नीट क्वालिफाई कर किसी अच्छे सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीट लेना और दूसरा, किसी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना। हालांकि, कुछ स्टूडेंट्स उन मेडिकल कोर्सेज के बारे में जानना चाहते हैं, जिनमें एडमिशन लेने के लिए NEET की जरूरत नहीं होती।

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बैचलर ऑफ साइंस इन बायोटेक्नोलॉजी

इन दिनों बैचलर ऑफ साइंस इन बायोटेक्नोलॉजी फील्ड में तेजी से विकास हो रहा है। बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी के बाद छात्रों के लिए रोजगार के अवसरों की कोई कमी नहीं है। फर्ग्युसन कॉलेज (पुणे), क्राइस्ट यूनिवर्सिटी (बैंगलोर) के अलावा दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया और रामजस कॉलेज से यह कोर्स किया जा सकता है।

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बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी इन बायोमेडिकल इंजीनियरिंग

बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी इन बायोमेडिकल इंजीनियरिंग कोर्स में मेडिसिन और इंजीनियरिंग दोनों पढ़ाई जाती है। इसका उद्देश्य मेडिकल फील्ड में इंजीनियरिंग को शामिल करके मानव स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है। कोर्स के बाद रोजगार के भरपूर अवसर मिलते हैं।

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बैचलर ऑफ साइंस इन कार्डियक

मेडिकल साइंस फील्ड में बैचलर ऑफ साइंस इन कार्डियक कोर्स काफी मशहूर है। कोर्स के दौरान इकोकार्डियोग्राफी, माइक्रोबायोलॉजी, लिम्फैटिक टिश्यू जैस कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों और उनके इलाज के बारे में जानकारी दी जाती है।

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बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंसेज

आजकल हमारे देश में वेटनरी डॉक्टरों की काफी कमी है। बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंसेज कोर्स पूरा करने के बाद सरकारी हॉस्पिटल में डॉक्टर बन सकते हैं। इसके अलावा डेरी फॉर्म, एनिमल रिसर्च सेंटर और फार्मास्यूटिकल कंपनियों में नौकरी मिलती है।

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बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी

आयुर्वेदिक उपचार को काफी महत्व दिया जा रहा है। बीएएमएस डिग्री लेने के बाद उम्मीदवार भारत में कहीं भी प्रैक्टिस कर सकता है। आयुर्वेदिक एंड यूनानी तिबिया कॉलेज (दिल्ली यूनिवर्सिटी), राजकीय ऋषिकुल आयुर्वेद कॉलेज (हरिद्वार), राजकीय गुरुकुल कांगड़ी आयुर्वेदिक कॉलेज (हरिद्वार) से यह कोर्स कर सकते हैं।