कैंसर से जूझने से लेकर 10 प्राइवेट जेट लेने तक, मिलिए 'द स्काई क्वीन' जेटसेटगो की सीईओ कनिका टेकरीवाल से
छात्र जीवन में प्रेरणात्मक किस्से सुनना पढ़ना बहुत जरूरी है, क्योंकि प्रेरणात्मक कहानियां हमें बताती हैं कि आप किसी भी समय अपने मंजिल की ओर बढ़ने का प्रयास कर सकते हैं। प्रेरणात्मक कहानियां हमें बतलाती हैं कि कोई भी फर्श से अर्श तक जा सकता है, कोई भी जमीन पर चलने से लेकर उड़ने तक का रास्ता तय कर सकता है, ऐसी ही एक नई प्रेरणात्मक कहानी पढ़िए जेटसेटगो की सीईओ कनिका टेकरीवाल की।
कैंसर से जूझने से लेकर 10 प्राइवेट जेट लेने तक
कनिका टेकरीवाल एक समय में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रही थीं, लेकिन आज वे 10 प्राइवेट जेट की मालकिन हैं। असफलता और निराशा ये सब जीवन का हिस्सा हो सकते हैं, लेकिन जो व्यक्ति इनका सामना दृढ़ता और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ करता है, वही नया अध्याय लिखने का बूता रखता है। कनिका टेकरीवाल की भी कुछ ऐसी ही कहानी है, जिन्होंने तमाम मुश्किलों और विभिन्न चुनौतियों को पार कर दिखाया, पढ़ें प्रेरणात्मक व दिलचस्प किस्सा।और पढ़ें
दृढ़ संकल्प का प्रमाण है कनिका टेकरीवाल की जर्नी
वर्तमान में, कनिका टेकरीवाल जेटसेटगो नामक एक एविएशन स्टार्टअप की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं। कनिका टेकरीवाल का कैंसर से जूझने से लेकर भारत की पहली विमान लीजिंग कंपनी जेटसेटगो की शुरुआत करने तक का सफर पूरी तरह दृढ़ संकल्प का प्रमाण है।
भारत की सबसे धनी महिलाओं में से एक
कनिका टेकरीवाल ने महज 33 साल की उम्र में सह-संस्थापक सुधीर पेरला के साथ 2012 में एक गेम-चेंजिंग स्टार्टअप की स्थापना की। इसका उद्देश्य निजी विमानन - कार्यकारी जेट और हेलीकॉप्टर दोनों के लिए भारत का पहला पारदर्शी बाजार बनाना था। इसके बाद से अब उनके पास 10 निजी जेट हैं। मारवाड़ी परिवार में जन्मी टेकरीवाल जल्द ही भारत की सबसे धनी महिलाओं में से एक बन गई हैं, जिनकी कुल संपत्ति 420 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है।और पढ़ें
क्या है जेटसेटगो
जेटसेटगो एक प्लेन एग्रीगेटर कंपनी है, जो चार्टर्ड प्लेन और हेलीकॉप्टर का प्रबंधन, संचालन और उड़ान भरती है। इसे निजी जेट और हेलीकॉप्टर के बाजार के रूप में भी जाना जाता है।
कनिका टेकरीवाल की पढ़ाई लिखाई
कनिका टेकरीवाल का जन्म एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लॉरेंस स्कूल से पूरी की। इसके बाद वे यूके के कोवेंट्री विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा पूरी करने के लिए चली गईं। शिक्षा पूरी करने के बाद, वह भारत वापस आईं और अपनी ड्रीम एविएशन कंपनी में शामिल हो गईं। कुछ समय बाद, उन्हें पता चला कि उन्हें कैंसर है, लेकिन दिमाग रूप से मजबूत रहने और सकारात्मक विचारों के दम पर उन्होंने खुद को ठीक किया, और एक शानदार कंपनी चला रही हैं।और पढ़ें
ये भी जानें
पिछले कुछ वर्षों में, उन्होंने अपने व्यावसायिक कौशल के लिए कई तरह के पुरस्कार जीते हैं। कनिका को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय उद्यमिता पुरस्कार और विश्व आर्थिक मंच द्वारा यंग ग्लोबल लीडर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया था। उन्हें एंटरप्रेन्योर द्वारा "द स्काई क्वीन" का सम्मान भी दिया गया।
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