जज और मजिस्ट्रेट में क्या है अंतर, जानें कितनी होती है सैलरी

जब कभी न्यायालय की बात होती है तो जज, मजिस्ट्रेट, वकील और केस जैसे शब्द सुनाई देते हैं। बहुत से लोग जज और मजिस्ट्रेट को लेकर कंफ्यूज होते हैं। क्या आप जानते हैं कि जज और मजिस्ट्रेट में क्या अंतर होता है और दोनों के काम क्या होते हैं? अगर जज और मजिस्ट्रेट अलग-अलग हैं तो दोनों की सैलरी कितनी होती है? इन सभी सवालों के जवाब यहां देख सकते हैं।

न्याय देने का काम
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न्याय देने का काम

जिला स्तर पर न्याय देने का कार्य जज और मजिस्ट्रेट करते हैं। बहुत से लोग जज और मजिस्ट्रेट को एक ही मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। एक जज और मजिस्ट्रेट के अधिकार, कार्य और पद में काफी अंतर होता है।

न्याय व्यवस्था के लेयर
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न्याय व्यवस्था के लेयर

भारतीय न्याय व्यवस्था तीन लेयर में बंटा हुआ है। पहले सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और लास्ट में लोअर कोर्ट आता है। इन तीनों को न्यायपालिका के अंदर रखा गया है। आइए जज और मजिस्ट्रेट के बीच का अंतर समझते हैं।

मजिस्ट्रेट किसे कहते हैं
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मजिस्ट्रेट किसे कहते हैं?

मजिस्ट्रेट के कार्यपालक मजिस्ट्रेट, मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट, मजिस्ट्रेट फर्स्ट, सेकेंड श्रेणी या मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पद आदि शामिल होते हैं। मजिस्ट्रेट में सबसे ऊंचा पद सीजेएम यानी चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट का होता है। एक जिले में एक सीजेएम होता है।

मजिस्ट्रेट के काम
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मजिस्ट्रेट के काम

एक मजिस्ट्रेट किसी को फांसी या उम्रकैद की सजा नहीं सुना सकता है। यह राजस्व संगठनों का प्रमुख होता है। इनका काम सामान्य प्रशासन का निरीक्षण करना, भूमि राजस्व वसूलना और जिले में कानून-व्यवस्था को बनाए रखना है।

जज कौन होते हैं
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जज कौन होते हैं?

जब जज सिविल मामले देखते हैं, तो उन्हें कहते हैं डिस्ट्रिक्ट जज, लेकिन यही जज जब क्रिमिनल मामले देखते हैं तो उन्हें कहते हैं सेशन जज। जज में सेशन जज, हाईकोर्ट जज, सुप्रीम कोर्ट जज आदि पद होते हैं।

जज के कार्य
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जज के कार्य

जज एक ही होता है, जो दोनों तरह के मामलों की सुनवाई करता है। डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट के फैसलों को हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। ज्यूडिशियल सर्विस की परीक्षा पास करके सिविल जज बनते हैं।

कितनी होती है सैलरी
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कितनी होती है सैलरी?

यूपी पीसीएस जूडिसियरी के तहत पे लेवल 9 के तहत बेसिक पे 56100 रुपये सैलरी निर्धारित है। ग्रास सैलरी की बात करें तो 70 हजार रुपये है। अन्य लाभों में आवास, एक स्थिर वेतन और कार्यालय और कर्मचारियों के रखरखाव के लिए धन शामिल हैं। इसके अलावा परिवहन, महंगाई, बच्चों की शिक्षा जैसे भत्तों का लाभ भी मिलता है।

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