प्राचार्य और प्रधानाचार्य में क्या अंतर है, जानें सैलरी और पावर

शिक्षा विभाग में स्कूल से लेकर कॉलेज और यूनिवर्सिटी तक कई पद होते हैं। बहुत से लोग प्रधानाचार्य, प्राचार्य, आचार्य, लेक्चर और प्रोफेसर जैसे शब्दों को लेकर काफी कंफ्यूज रहते हैं। कौन सा पद बड़ा है किस पद के पास ज्यादा पावर है इसको लेकर कई तरह के सवाल सामने आते हैं। इस कड़ी में आइए जानते हैं प्राचार्य और प्रधानाचार्य के बीच में अंतर क्या होता है और इन पद पर सैलरी कितनी होती?

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कौन होते हैं प्राचार्य?

प्राचार्य शब्द आचार्य से बना है। आचार्य का अर्थ होता है शिक्षक या गुरू। शिक्षक का काम छात्रों को शिक्षा देना होता है। इसी तरह प्राचार्य का काम उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों को शिक्षा देने का होता है।

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प्राचार्य कहां पढ़ाते हैं।

कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं। प्राचार्य, सीनियर स्नातक शिक्षक होते हैं, जिन्हें प्रोफेसर भी कहा जाता है। प्राचार्य, शिक्षा की प्रक्रिया को सीधे डील करते हैं। उनका काम उच्च शिक्षण संस्थानों में होता है।

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कौन होते हैं प्रधानाचार्य?

प्रधानाचार्य शब्द प्रधान और आचार्य को मिलाकर बना है। इसका मतलब साधारण भाषा में कह सकते हैं। शिक्षकों का जो प्रमुख या प्रधान होता है उन्हें प्रधानाचार्य कहते हैं।

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प्रधानाचार्य कहां पढ़ाते हैं?

प्रधानाचार्य स्कूल का सबसे ऊपरी शिक्षा संस्थान का नेतृत्व करते हैं। प्रधानाचार्य, प्रधान शिक्षक होते हैं, जो विद्यालय के प्रशासनिक काम भी देखते हैं। प्रधानाचार्य, स्कूल की कुल प्रबंधन में सहायक होते हैं।

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कितनी होती है सैलरी?

प्राचार्य यानी प्रोफेसर की सैलरी शिक्षण संस्थान और कार्य अनुभव पर निर्भर करती है। हालांकि, 7वें वेतन आयोग के तहत लेवल 14 के तहत 1,44,200 रुपये सैलरी होती है। वहीं, प्रधानाचार्य की सैलरी लेवल 12 के तहत होती है। इसमें 56,100 रुपये से 1,21,100 रुपये तक की सैलरी होती है।

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कौन ज्यादा पावरफुल?

प्रधानाचार्य परिसर में शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों का मूल्यांकन करते हैं। अपने संस्थान में प्रधानाचार्य सबसे ऊपर होता है। प्राचार्य से ऊपर डीन और वाइस चांसलर जैसे पोस्ट होते हैं।