ISKCON का फुल फॉर्म क्या है? इस्कॉन की स्थापना कब और किसने की?
जन्माष्टमी इस बार 26 अगस्त को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान श्री कृष्ण के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है। देशभर में व दुनिया में जहां भी कृष्ण भक्त हैं, वे Janmashtami को धूमधाम से मनाते हैं। जन्माष्टमी के अवसर पर आपने देखा होगा कि ISKCON मंदिर में भगवान कृष्ण के दर्शन के लिए उनके भक्त रात से ही लाइन लगाना शुरू कर देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस्कॉन क्या है? इस्कॉन का पूरा नाम या इस्कॉन का फुल फॉर्म क्या है? इस्कॉन की शुरुआत कैसे हुई? इसकी स्थापना कब और कैसे हुई? आइये जानें

इस्कॉन क्या है, ISKCON kya hai
साधारण शब्दों में कहें तो भगवान कृष्ण की भक्ति के लिए दुनिया भर में कई केंद्र, संस्थाएं या मंदिर हैं, जहां आप राधा कृष्ण के सुंदर दर्शन के साथ भगवद गीता सुन सकते हैं। इन्हीं में से एक संस्था है इस्कॉन है, जो कि सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। इसके लोकप्रिय होने का मुख्य कारण भारत के कई शहरों में इस्कॉन नाम से मंदिर का निर्माण करना है।

इस्कॉन की स्थापना कब हुई या इस्कॉन की शुरुआत कैसे हुई?
इस्कॉन का अपना एक पोर्टल iskcon.org है, जिसके अनुसार, इस्कॉन की स्थापना 1966 में न्यूयॉर्क शहर में परम पूज्य ए.सी. भक्तिवेदांत (A. C. Bhaktivedanta) द्वारा किया गया, इनका जन्म भारत के कोलकाता में हुआ था, यह हमेशा कृष्ण भक्ति में लीन रहते थे। इस्कॉन का उद्देश्य है कि इसके माध्यम से देश और दुनिया के लोग ईश्वर से जुड़ सकें और आध्यात्मिक समझ, एकता और शांति का लाभ प्राप्त कर सकें।

इस्कॉन मंदिर का इतिहास
धर्म गुरू ए.सी. भक्तिवेदांत ने अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में शुरुआत में इस्कॉन की स्थापना की थी। भक्तिवेदांत ने उस समय अमेरिका के ऐसे लोगों को इससे जुड़ा, जिन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया गया था। इस्कॉन के माध्यम से इन लोगों को भगवत गीता का मतलब बताया गया, जिसके बाद उनके सोचने का तरीका सकारात्मक हो गया, आज देश-विदेश में लाखों नहीं करोड़ो लोग इस्कॉन संस्था के अनुयायी बन चुके हैं।

क्या है 'हरे कृष्ण आंदोलन'
ISKCON को "हरे कृष्ण आंदोलन" के रूप में जाना जाता है। दरअसल, कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति के कारण ही भक्तिवेदांत ने गौड़ीय संप्रदाय के अभिलेख लिखने का काम शुरू किया था। इस काम का स्वामी प्रभुपाद पर इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि उन्होंने 'हरे कृष्ण आंदोलन' शुरू करने का फैसला किया। इसके बाद उन्होंने न्यूयॉर्क शहर में इस्कॉन की स्थापना की। संन्यास लेने के बाद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने पूरी दुनिया में 'हरे कृष्ण, हरे राम' का प्रचार किया।

ISKCON Full form in Hindi, ISKCON ka Hindi Meaning, इस्कॉन का पूरा नाम हिंदी में
ISKCON का पूरा नाम - इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस है। इस्कॉन नाम से मंदिर केवल भारत में नहीं बल्कि दुनियाभर में मौजूद हैं। iskconmandir.com के अनुसार, भारत के अलावा, अफ्रीका, एशिया, यूरोप, लैटिन अमेरिका, रूस, कनाडा और यूनाइटेड स्टेट में भी इस्कॉन मंदिर मौजूद हैं।

ISKCON Full form in English, इस्कॉन का पूरा नाम इंग्लिश में, इस्कॉन का फुल फॉर्म क्या है?
International Society for Krishna Consciousness, कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर ज्यादातर हिस्सों जैसे यूपी उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान बिहार इत्यादि जगहों के स्कूलों में सार्वजनिक अवकाश होता है। इस्कॉन ने श्रीमद्भगवद्गीता और अन्य वैदिक साहित्य का 89 भाषाओं में अनुवाद किया है।

स्कूलों में कैसे मनाई जाती है जन्माष्टमी
Janmashtami का दिन स्कूली बच्चों के लिए भी काफी खास है। इस दिन स्कूलों में तरह तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, फैन्सी ड्रेस कॉम्पिटीशन का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें नन्हें मुन्हें बच्चे कृष्ण बनकर, तो बच्चियां राधा रानी बनकर स्कूल आते हैं।

मालदीव को भी फेल करते हैं गोवा के ये 4 सुंदर बीच, खूबसूरती देख हो जाएंगे फिदा

39 साल के शिखर धवन की फिटनेस का नहीं कोई जवाब, फॉलो करते हैं ये खास रूटीन, शेयर किया फिटनेस सीक्रेट

गणित के 88 की भीड़ में कहां छिपा है 83 नंबर, अगर दम है तो पांच सेकंड में खोजें

जोड़ों में जमा यूरिक एसिड का काल हैं ये 4 चीजें, जड़ से खत्म होगी जॉइंट पेन की समस्या

टीम इंडिया को मिला न्यू मिस्टर कंसिस्टेंट, की द वॉल की बराबरी

पढ़ाई की जगह रील शूट करने लगी बेटी, पिता ने देखा तो एक झापड़ में याद दिला दी नानी, देखिए फनी वीडियो

Rajasthan Weather: राजस्थान में मानसून का दौर; पश्चिमी क्षेत्रों में मेघगर्जन और बारिश के आसार, आज 20 जिलों में अलर्ट

अमेरिकी हमले के बाद ईरान का परमाणु कार्यक्रम दो साल पीछे गया, पेंटागन ने किया दावा

Guruvar vrat: गुरुवार का व्रत कैसे करते हैं, भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए करें ये उपाय

Guna News: भारी बारिश के बाद तालाब बना मौत का ताल, नहाने गए दो भाइयों ने गंवाई जान
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited