माफियों की कमर तोड़ने वाली UP STF में कैसे होती है भर्ती, काम जानकर उड़ जाएंगे होश

यूपी एसटीएफ यानी स्पेशल टास्क फोर्स, यह पुलिस की एक ईकाई है। स्पेशल टास्क फोर्स, नाम से ही पता चलता है कि इनका काम स्पेशल कामों में लिया जाता है। यह हमेशा टीम के रूप में काम करती है। जरूरत पड़ी तो कई टीमें बनती हैं। यह विभाग अपने बेबाक एक्शन के लिए आए दिन चर्चा में रहता है। चलिए जानते हैं क्या है UP STF, कैसे व किन लोगों की होती है भर्ती, स्पेशल टास्क फोर्स का काम क्या है, कितनी मिलती है सैलरी?

01 / 05
Share

UP STF का गठन कब और क्यों हुआ

सबसे पहले यह जान लें कि 4 मई, 1998 को लखनऊ में UP STF का गठन किया गया था। UP STF का नेतृत्व 'अतिरिक्त महानिदेशक' रैंक का अधिकारी करता है, जिसकी मदद के लिए 'पुलिस महानिरीक्षक' भी होता है। प्रत्येक टीम का नेतृत्व डिप्टी एसपी के अतिरिक्त एसपी करते हैं। सामान्यतया एसटीएफ के द्वारा संचालित सभी कार्यों के प्रभारी एसएसपी होते हैं।

02 / 05
Share

दूसरे राज्यों में घुसकर कर सकती है अपना काम

एसटीएफ राज्य के अंदर मौजूद सभी स्थानों पर कार्रवाई करने के अलावा दूसरे राज्य में भी घुसकर कार्रवाई कर सकती है, बशर्ते दूसरे राज्य से परमिशन लेने के बाद।

03 / 05
Share

एसटीएफ का कार्य

uppolice.gov.in के अनुसार, माफिया गिरोहों के बारे में खुफिया जानकारी एकत्र करना, उनके खिलाफ कार्रवाई करना, कार्य योजना तैयार करना, जिला पुलिस के समन्वय बनाकर कार्य करना आदि। इसके अलावा ISI एजेंटों के खिलाफ कार्य योजना तैयार करना, उसका क्रियान्वयन करना, डकैतों या अंतर जिला गिरोहों के खिलाफ एक्शन लेना आदि कार्य भी UP STF संभालती है।

04 / 05
Share

कैसे होती है भर्ती

स्पेशल टास्क फोर्स में चयन पुलिस कर्मी के रूप में उल्लेखनीय पिछले रिकॉर्ड, असाधारण शारीरिक क्षमताओं या राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं या यूपीएससी में उपस्थित होने के आधार पर होता है।

05 / 05
Share

अनुभव लोगों की किया जाता है शामिल

स्पेशल टास्क फोर्स अधिकारियों के लिए शॉर्टलिस्ट होने के लिए, उम्मीदवारों को पहले यूपीएससी परीक्षा पास करनी होगी और पुलिस बल में शामिल होना होगा। यूपी पुलिस एसटीएफ उन उम्मीदवारों की भर्ती करता है जो पहले से ही यूपी पुलिस में काम कर रहे हैं।