IAS सृष्टि देशमुख की सफलता में परिवार की क्या थी भूमिका जरूर चेक करें

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। हर साल लाखों उम्मीदवार UPSC परीक्षा देते हैं, लेकिन उनमें से केवल कुछ सौ ही पास होकर IAS, IPS या IFS अधिकारी बनते हैं। आज हम IAS सृष्टि देशमुख की सक्सेस स्टोरी नहीं बल्कि ये जानेंकि उनके परिवार ने उनका कैसे साथ दिया। बता दें, IAS सृष्टि देशमुख ने अखिल भारतीय रैंक 5 हासिल की थी।

IAS अधिकारी बनने में परिवार ने कैसे की मदद
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IAS अधिकारी बनने में परिवार ने कैसे की मदद

IAS अधिकारी के रूप में सृष्टि देशमुख की सफलता का श्रेय उनके परिवार के अटूट समर्थन को जाता है। उनके माता-पिता, जयंत और सुनीता देशमुख ने उनकी तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सबको केवल लोगों का मुकाम दिखता है, लेकिन ये जरूरी है कि हम मुकाम तक पहुंचने के सफर व लोगों के त्याग को भी जानें।

कंफर्टेबल माहौल
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कंफर्टेबल माहौल

सृष्टि देशमुख जब यूपीएससी की तैयारी करती थी, तो उनके मां बाप ने ऐसा शानदार व कंफर्ट माहौल दिया, जिसने उनकी महत्वाकांक्षाओं को प्रोत्साहित किया और हर बाधा को दूर किया, ताकि बेटी फोकस कर सके अपने लक्ष्य पर। यही नहीं, बतौर मां और पिता अपने ढेरों ख्वाहिश को छोड़ा, ताकि पैसों की कमी न होने पाए। सामाजिक तौर पर कट गए ताकि बेटी का ध्यान न भटके।

शिक्षा को दिया बढ़ावा
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शिक्षा को दिया बढ़ावा

कम उम्र से ही, सृष्टि के परिवार ने बिना किसी दबाव या उनकी पसंद पर सवाल उठाए उनकी शिक्षा को बढ़ावा दिया। हर कदम वे केवल सृष्टि की तैयारी का लेकर सोचते थे, सृष्टि के लिए कितना ज्यादा से ज्यादा प्रबंध कर सकें इसके लिए दिन रात लगे रहते थे।

हर कदम दिया प्रोत्साहन
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हर कदम दिया प्रोत्साहन

उनकी मां, एक किंडरगार्टन शिक्षिका हैं और उनके पिता, एक इंजीनियर। सृष्टि ने अक्सर अपने माता पिता के प्रोत्साहन के लिए आभार जताया है, उन्होंने कहा कि उनकी उपलब्धियों का श्रेय उनके मां ​बाप को जाता है।

इंजीनियरिंग छोड़ करी यूपीएससी की तैयारी
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इंजीनियरिंग छोड़ करी यूपीएससी की तैयारी

एक समय था जब सृष्टि ने इंजीनियरिंग से अपना ध्यान हटाकर UPSC परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया, आमतौर पर घरों में महौल बिगड़ जाता है, जिसके बाद घर के सभी सदस्यों को तनाव हो सकता है, लेकिन सृष्टि के माता पिता ने खुशी खुशी उनकी इच्छा का सम्मान किया। सृष्टि के पैरेंट्स ने सृष्टि के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने की स्वतंत्रता दी, इसलिए वे आज सृष्टि के लिए प्रेरणा हैं।

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