वो महिला जिसने विदेश में पहली बार फहराया भारत का झंडा, फक्र से ऊंचा किया देश का सिर

अगर आपकी जनरल नॉलेज तेज है तो बताइये कि ​भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की माता किसे और क्यों कहते हैं। बहुत कम लोगो को इतिहास के इस सवाल का जवाब आता है, अगर आप भी जानते हैं तो आपकी नॉलेज अच्छी है। खैर इसका उत्तर है Bhikaiji Cama (भीखाजी कामा), जिन्हे मैडम भीखाजी कामा नाम दिया गया।

भीकाजी रुस्तम कामा - भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की जननी
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भीकाजी रुस्तम कामा - भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की जननी

इन्हें भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की जननी भी कहा जाता है। 'भीकाजी रुस्तम कामा' भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रमुख हस्ती थीं। वह विदेशी धरती पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के अग्रदूत की मेजबानी करने के लिए प्रसिद्ध हैं।

जब विदेश में फहराया भारत का झंडा
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जब विदेश में फहराया भारत का झंडा

बहुत कम लोग जानते हैं कि भारत की आजादी से चार दशक पहले, साल 1907 में विदेश में पहली बार भारत का झंडा एक महिला ने फहराया था, और उनका नाम है भीखाजी कामा

भारत का झंडा
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भारत का झंडा

हालांकि आजादी की लड़ाई के दौरान कई अनौपचारिक झंडों का इस्तेमाल होता था, उन्हीं में से एक यह था जिसे आप चित्र में देख सकते हैं।

भीखाजी कामा का जन्म
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भीखाजी कामा का जन्म

भीकाजी कामा का जन्म 24 सितंबर, 1861 को सोराबजी फ्रामजी पटेल और उनकी पत्नी जैजीबाई सोराबाई पटेल के घर हुआ था। उनके पिता पेशे से व्यापारी थे। उन्होंने एलेक्जेंड्रा गर्ल्स इंग्लिश इंस्टीट्यूशन में लॉ की पढ़ाई की।

भीखाजी कामा के पति
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भीखाजी कामा के पति

3 अगस्त 1885 को भीखाजी कामा ने रुस्तम कामा से शादी कर ली। 1936 में भीखाजी कामा की ​मृत्यु हो गई।

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