भारत के राष्ट्रीय ध्वज का डिजाइन किसने तैयार किया, जानें रंगों का रहस्य व पूरा इतिहास
हर देश का अपना झंडा होता है, ये बहुत खास होता है और इसमें मौजूद रंग व आकृति का सोच समझकर इस्तेमाल किया जाता है। क्या आप जानते हैं भारत के झंडे के बारे में, इसमें कई बार बदलाव हो चुका है, अलग-अलग लोग समय के साथ डिजाइन बदल चुके हैं, चलिए इस गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर जानते 1906 से अब तक कितना बदला तिरंगा

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का डिजाइन किसने किया
जब भी हम तिरंगे को फहराते हुए कहीं देखते हैं खास कर लाल किले पर, जो हमारा सीना गर्व से भर जाता है। भले आप किसी दूसरे देश में हों, लेकिन राष्ट्रगान और तिरंगे को देखकर राष्ट्रभक्ति की भावना अपने आप पैदा हो जाती है। ये एकजुटता का प्रतीक है।

राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का डिजाइन
भारत के राष्ट्रीय ध्वज में 1906 से लेकर अब तक 6 बार बदलाव किया जा चुका है। इस दौरान अलग अलग लोगों ने इसे रूप दिया। भारत के वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज की बात करें तो इसमें तीन पट्टियों का प्रयोग किया गया है, सबसे पहले नांरगी यानी केसरिया, बीच में सफेद और सबसे नीचे हरा। इसके अलावा बीच वाली पट्टी यानी सफेद में नीले रंग का चक्र दर्शाया गया है, जिसे अशोक चक्र कहा जाता है। इसमें 24 तिल्लियों का प्रयोग किया गया है।

तिरंगे में मौजूद रंगों का महत्व
केसरिया पट्टी की बात करें, तो ये भारत की ताकत और साहस का प्रतीक है। इसी तरह बीच में मौजूद सफेद रंग शांति और सच्चाई का प्रतीक है।सबसे नीचे हरे रंग की पट्टी देश की उपजाऊ भूमि को दिखाती है। यह विकास और समृद्धि का प्रतीक है। सफेद पट्टी के बीच में बना अशोक चक्र भारत की गतिशीलता और विकास के चक्र का प्रतीक है।

राष्ट्रीय ध्वज का डिजाइन किसने किया
अक्सर ये सवाल पूछ लिया जाता है कि राष्ट्रीय ध्वज का डिजाइन किसने तैयार किया? बता दें, भारत के वर्तमान ध्वज को आंध्र प्रदेश के भारतीय स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया ने बनाया था। वे एक प्रसिद्ध व्याख्याता, शिक्षाविद, कृषक, लेखक, भूविज्ञानी और बहुभाषी भी थे।

भारत के राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास
देश को पहला राष्ट्रीय ध्वज साल 1906 में मिला, जिसे स्वामी विवेकानंद की शिष्या भगिनी निवेदिता ने तैयार किया था। इस ध्वज में तीन रंगों हरे, पीले और लाल रंग की आड़ी पट्टियां थी। इसमें बीच में वंदे मातरम लिखा था और नीचे सूरज और चांद भी बने हुए थे।

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