आईपीएस का नाम सुन सहम जाते थे नक्‍सली, अब ममता सरकार ने दी कोलकाता की जिम्‍मेदारी

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर की रेप और मर्डर केस के बाद जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है। इस बीच आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार वर्मा को कोलकाता का नया पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया है। IPS मनोज वर्मा का नाम देश के सबसे कड़क ऑफिसर्स में शामिल है। आइए उनके करियर पर एक नजर डालते हैं।

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कोलकाता में महिला डॉक्टर रेप केस

कोलकाता में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक की। इसके बाद विनीत गोयल को पद से हटा दिया गया है।आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार वर्मा को कोलकाता का नया पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया है।

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कौन हैं IPS मनोज वर्मा?

IPS मनोज वर्मा साल 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से राजस्थान के सवाई माधोपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने साल 1998 में UPSC परीक्षा पास की थी। उनकी पोस्टिंग बंगाल कैडर में ही रही है।

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कई पद पर निभाई जिम्मेदारी

55 वर्षीय आईपीएस मनोज वर्मा इससे पहले एडीजी कानून- व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। मनोज वर्मा बंगाल के कई जिलों के वे एसपी रह चुके हैं। उन्हें माओवादी क्षेत्रों में काम करने का अच्छा अनुभव रहा है।

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माओवादियों के लिए काल

साल 2011 में आईपीएस मनोज वर्मा माओवाद प्रभावित पश्चिम मेदिनीपुर जिले के एसपी थे। पश्चिम मेदिनीपुर जिले में उन्होंने माओवादी गतिविधियों का खात्मा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके बाद से उनकी चर्चा देशभर में होती है।

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कई पुरस्कार से सम्मानित

सराहनीय सेवा के लिए 2017 में स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक भी मिला था। 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद हिंसा के बाद उन्हें बैरकपुर के पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। साल 2019 में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा उन्हें मुख्यमंत्री पुलिस पदक से भी सम्मानित किया गया था।