​उत्तर प्रदेश की इस यूनिवर्सिटी को कहा जाता है पूरब का ऑक्सफोर्ड, जानें वजह

​आज देश के लाखों युवा पढ़ने के लिए ऑक्सफोर्ड या कैम्ब्रिज जाना चाहते हैं। हालांकि, उत्तर प्रदेश की एक यूनिवर्सिटी ऐसी भी है, जिसे उच्च स्तरीय अध्ययन और अध्यापन के कारण इसे ‘पूर्व का ऑक्सफोर्ड’ कहा गया। इस विश्वविद्यालय ने देश को कई IAS - IPS के अलावा प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी दिए। ​

पूरब का ऑक्सफोर्ड
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पूरब का ऑक्सफोर्ड

आज देश के लाखों युवा पढ़ने के लिए ऑक्सफोर्ड या कैम्ब्रिज जाना चाहते हैं। हालांकि, उत्तर प्रदेश की एक यूनिवर्सिटी ऐसी भी है, जिसे उच्च स्तरीय अध्ययन और अध्यापन के कारण इसे ‘पूर्व का ऑक्सफोर्ड’ कहा गया। इस विश्वविद्यालय ने देश को कई IAS - IPS के अलावा प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी दिए।

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी
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इलाहाबाद यूनिवर्सिटी

हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की, जिसे ब्रिटिश भारत के पुराने विश्वविद्यालयों में से एक माना जाता है। ब्रिटिश भारत के काल में स्थापित कोलकाता, मुंबई और मद्रास यूनिवर्सिटी के बाद यह देश की चौथी सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी है। इसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (INI) के रूप में मान्यता प्राप्त है।और पढ़ें

कब हुई स्थापना
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कब हुई स्थापना

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की स्थापना एल्फ्रेड लायर की प्रेरणा से 23 सितंबर 1887 को हुई थी। इसकी शुरुआत मात्र 16 हजार के चंदे की राशि और 13 छात्रों के साथ किराये के भवन 'दरभंगा कैसल' से हुई। इसकी इमारत को विलियम इमर्सन ने डिजाइन किया था, जिन्होंने कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल और मुंबई में क्रॉफर्ड मार्केट को डिजाइन किया था।और पढ़ें

बेहतरीन गुणवत्ता
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बेहतरीन गुणवत्ता

हिंदी साहित्य, इतिहास, दर्शनशास्त्र जैसे विषयों में बेहतरीन गुणवत्ता का शिक्षण इस यूनिवर्सिटी का नाम बनाता चला गया। यहां अध्ययन व अध्यापन का स्तर भी एक कारण था कि इसे 'पूरब का ऑक्सफोर्ड' कहा गया।

नामचीन हस्तियों ने की पढ़ाई
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नामचीन हस्तियों ने की पढ़ाई

यह विश्वविद्यालय अपनी राजनीति, साहित्य, कला और समाज के प्रति दृष्टिकोण के लिए ज्यादा मशहूर है। यहां से चंद्रशेखर, मदन मोहन मालवीय, गोविंद बल्लभ पंत, शंकर दयाल शर्मा, रंगनाथ मिश्रा, राजेंद्र कुमारी बाजपेयी ने शिक्षा प्राप्त की है।

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