गले में गमछा अनोखा अंदाज, क्यों अवध ओझा छात्रों के दिलों पर करते हैं राज, जानें कहां से पढ़े

ऑनलाइन एजुकेशनल प्लेटफॉर्म के विस्तार के साथ-साथ कई ऐसे टीचर सामने आए हैं जिनके पढ़ाने का अंदाज छात्रों को बेहद पसंद आता है। इन्हीं में एक नाम है अवध ओझा सर का। ओझा सर सोशल मीडिया पर बतौर मोटिवेशनल स्पीकर, टीचर और करियर एडवाइजर जाने जाते हैं। आइए जानते हैं कि लाखों छात्रों के दिलों पर राज करने वाले अवध ओझा सर खुद पढ़ाई में कैसे थे और उन्होंने कहां से पढ़ाई की है।

सिविल सर्विस की तैयारी
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सिविल सर्विस की तैयारी

यूपीएससी सिविल सर्विस और UP PCS जैसी परीक्षाओं की तैयारी के लिए लाखों की संख्या में छात्र आज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में ऑनलाइन टीचर के रूप में सबसे ज्यादा मशहूर होने वाले टीचर्स में अवध ओझा सर का नाम सबसे आगे आता है। Teacher's Day 2024 के अवसर पर ओझा सर के जीवन पर एक नजर डालते हैं।और पढ़ें

अवध ओझा सर
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अवध ओझा सर

अवध ओझा का जन्म 3 जुलाई 1984 को उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में हुआ था। एक मध्यम परिवार से आने वाले अवध ओझा शुरू से पढ़ाई में एवरेज स्टूडेंट ही रहे हैं। उनकी पढ़ाई होम टाउन गोंडा से ही हुई है।

पिता के करीब और मां का डर
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पिता के करीब और मां का डर

अवध ओझा बताते हैं कि वो स्कूल के दिनों में काफी शरारती थे। उनकी शिकायतें अक्सर घर तक पहुंच जाया करती थीं। वो अपने पिता के काफी करीब रहे हैं। ओझा सर बताते हैं कि उनकी माता बहुत सख्त स्वभाव की थीं और वो आज भी अपनी मां से उतना ही डरते हैं।

कहां से की है  पढ़ाई
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कहां से की है पढ़ाई?

अवध ओझा अपने होम टाउन से स्कूलिंग करने के बाद हायर एजुकेशन के लिए प्रयागराज आ गए। यहां उन्होंने ग्रेजुएशन किया। इस दौरान उन्होंने छात्र राजनीति को काफी करीब से देखा। ऐसे में उनका मन सिविल सर्विस में जाने का हुआ जबकि उनके परिवार वाले चाहते थे कि वो डॉक्टर बने।

UPSC की तैयारी
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UPSC की तैयारी

घर वालों के खिलाफ जाकर ओझा सर दिल्ली आ गए और उ्होंने सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी। हालांकि, उन्हें सिविल सर्विस की परीक्षा में सफलता हासिल नहीं हुई। इस दौरान उन्होंने सन्यास लेने का भी मन बना लिया और ऋषिकेश जाकर रहने लगे।

पिता ने किया मोटिवेट
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पिता ने किया मोटिवेट

एक इंटरव्यू में अवध सर बताते हैं कि उनके पिता ऋषिकेश आकर पैसा दिया करते थे। इस दौरान उन्होंने ही अपने बेटे को अच्छा वक्ता बोलते हुए शिक्षक बनने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद अवध ओझा ने एक कोचिंग में पॉलिटिकल साइंस और इतिहास पढ़ाना शुरू किया।

खुद की कोचिंग खोली
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खुद की कोचिंग खोली

लंबे समय तक एक कोचिंग में पढ़ाने के बाद अवध सर ने खुद की कोचिंग शुरू कर दी। गले में गमझा लटकाए, आम बोल चाल की भाषा का इस्तेमाल करके उन्होंने खुब सुर्खियां बटोरी। छात्र उनके बोलने के अंदाज और किसी सब्जेक्ट को समझाने के तरीके के दीवाने हैं।

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