कर्तव्य पथ पर ही क्यों होती है गणतंत्र दिवस परेड, जानें क्यों बदला राजपथ का नाम

Why Is Republic Day Parade Celebrated On The Kartavya Path know educational facts

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राजपथ क्यों बना कर्तव्य पथ, जानें यहीं क्यों होती है परेड

क्या आपने कभी सोचा है कि गणतंत्र दिवस पर होने वाली परेड का आयोजन केवल दिल्ली के कर्तव्य पथ पर ही क्यों किया जाता है और ये कितने किमी लंबी होती है? इसमें क्या क्या होता है? चलिए जानते हैं ऐतिहासिक परेड व कर्तव्य पथ के बारे में

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कर्त्तव्य पथ का पुराना नाम

आज जिसे हम लोग कर्त्तव्य पथ नाम से जानते हैं, इसे पहले राजपथ नाम से जाना जाता था। और बहुत कम लोग इस बात को जानते होंगे कि तीन किलोमीटर लंबे इस राजपथ को पहले क्वींसवे मार्ग कहा जाता था, इस रोड का नाम पहली बार ब्रिटिश राजा किंग जॉर्ज पंचम ने रखा था

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दिल्‍ली के ऐतिहासिक पथ

2022 में दिल्‍ली के ऐतिहासिक राजपथ (Rajpath) को कर्तव्यपथ (Kartavya Path) कर दिया गया। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्‍त को लाल किले की प्राचीर से ये घोषणा की थी कि औपनिवेशिक अतीत से दूर होने की जरूरत है। ब्रिटिश हुकूमत की गुलामी की निशानियों को हमें हटाना होगा। इसी सिलसिले में कई बदलाव किए गए जैसे राजपथ बना कर्तव्यपथ, भारतीय नौसेना के ध्‍वज को भी नया रूप दिया गया इत्यादि।

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कहां है कर्त्तव्य पथ

कर्त्तव्य पथ का मतलब है 'कर्तव्यों का मार्ग'। कर्त्तव्य पथ एक तीन किमी की रोड है, जो दिल्ली में 'इंडिया गेट' से लेकर 'राष्ट्रपति भवन' तक जाती है। बता दें भारत की आजादी के आंदोलन के इतिहास में इस सड़क का काफी ज्यादा महत्व रहा है।

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कर्तव्य पथ पर ही क्यों होती है गणतंत्र दिवस परेड

1950 में भारत में संविधान लागू हुआ, लेकिन उस साल परेड का आयोजन कर्तव्य पथ पर नहीं किया जाता था, पहली परेड इरविन स्टेडियम (अब मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम) में हुई थी। फिर 1955 में गणतंत्र दिवस परेड को राजपथ (जो कि अब कर्तव्य पथ) पर शिफ्ट कर दिया गया। इसका मुख्य कारण था कि इस पथ का एक ऐतिहासिक महत्व है।