शहर और गांव के नाम के आगे क्यों लिखा होता है पुर, वजह नहीं जानते होंगे
Why Pur Is Used In City Name: भारत के प्रत्येक राज्य, जिले व शहर का अपना अलग इतिहास, संस्कृति व परंपरा है। साल 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत में कुल 6,40,867 गांव हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के गांव व शहर के नाम के आगे पुर क्यों लिखा होता है। यदि आप भी नहीं जानते हैं शहर व गांव के नाम के आगे पुर क्यों लिखा होता है तो यहां जान लीजिए।
शहर के नाम के आगे पुर
अक्सर आपने देखा होगा कि अधिकतर गांव व शहर के नाम के आगे पुर लिखा होता है। उदाहरण के तौर पर जैसे रामपुर, रायपुर, शाजापुर, नागपुर, कानपुर, जयपुर, उदयपुर आदि।
शहर व गांव के नाम के आगे क्यों लिखा होता है पुर
लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के गांव व शहर के नाम के आगे पुर क्यों लिखा होता है। अपने आपको धुरंधर बताने वाले भी इसकी वजह नहीं बता पाए हैं।
ये है कारण
बता दें शहर व गांव के नाम के आगे पुर लगाने की परंपरा सदियों से चलती आ रही है। पुर एक प्राचीन संस्कृत शब्द है, जिसका उल्लेख ऋग्वेद में किया गया है। पुर का मतलब शहर या किला होता है।
राजा महाराजा ने की थी शुरुआत
कहा जाता है कि प्राचीनकाल में लगभग सभी राजा अपने राज्य के नाम के आगे पुर जरूर लगाते थे। गांव व शहर के नाम के आगे पुर लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
महाभारत काल में किया गया है उल्लेख
महाभारत काल में भी पुर शब्द का उल्लेख मिलता है। यहां हस्तिनापुर के लिए लिए पुर शब्द का इस्तेमाल किया गया था। आज भी पुर शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है
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