पुरानी कब्ज से छुटकारा दिलाते हैं ये आयुर्वेदिक नुस्खे, आंतों में जमा गंदगी का भी होता है सफाया
कब्ज को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है। कब्ज एक ऐसी बीमारी है जो आपको बवासीर का मरीज बना सकती है। ऐसे में आयुर्वेद में कब्ज तोड़ने के कुछ असरदार घरेलू उपाय बताए हैं।
क्यों होती है कब्ज की शिकायत?
आज के दौर में कब्ज एक आम समस्या बन गई है। आए दिन कोई न कोई इससे परेशान नजर आता है। एक्सपर्ट्स की माने तो ज्यादा जंक फूड खाना, शराब पीना, भूख से अधिक खाना, डाइट में फाइबर की कमी, कम पानी पीना, मांस का अधिक सेवन करना, स्मोकिंग और किसी भी तरह की फिजिकल एक्टिविटी में शामिल नहीं होना ही इसके मुख्य कारण बनते हैं। कब्ज को हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसका इलाज नहीं कराने से ये आगे चलकर बवासीर बन सकता है। वैसे तो कब्ज तोड़ने के लिए मार्केट में कई तरह की दवाएं मौजूद हैं, लेकिन बेहतर यही होगा कि आप कुछ आयुर्वेदिक घरेलू उपचार आजमाएं।
आयुर्वेद की भाषा में अमृत है त्रिफला
त्रिफला कब्ज दूर करने के लिए सबसे प्रभावी आयुर्वेदिक उपचारों में से एक है। त्रिफला में ग्लाइकोसाइड होता है जिसमें रेचक गुण होते हैं। त्रिफला को आप गर्म पानी में मिलाकर चाय बना सकते हैं। आप एक चौथाई चम्मच त्रिफला में आधा चम्मच धनिया के बीज और एक चौथाई चम्मच इलायची के बीज भी मिला सकते हैं। इन्हें एक साथ पीसकर एक गिलास पानी में मिलाकर पिएं।
सौंफ भी खा सकते हैं
अगर आपको कब्ज से परेशान हैं, तो एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच भुनी और पिसी हुई सौंफ मिक्स करें। सौंफ के बीज खाने से गैस्ट्रिक एंजाइमों का उत्पादन करने में मदद मिलती है, जो पाचन प्रक्रिया मजबूत बनाते हैं और मल त्याग को बढ़ावा दे सकते हैं।
बेल के फल का गुदा है असरदार
बेल के फल में कई सारे गुण होते हैं। अगर आपको कब्ज की समस्या है तो रात को खाने से पहले आधा कप बेल के गूदे को एक चम्मच गुड़ के साथ खाएं। आप इसका शरबत भी बना सकते हैं जिसमें आप इमली का पानी और गुड़ भी मिक्स कर सकते हैं।
कब्ज का आयुर्वेदिक इलाज है मुलेठी
मुलेठी एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और यह जड़ी बूटी खराब पाचन को बेहतर करने का काम करती है। आप एक कप गर्म पानी में एक चम्मच पिसी हुई मुलेठी की जड़ और एक चम्मच गुड़ मिलाकर ले सकते हैं। नियमित रूप से इसका सेवन करने से आपको पुरानी से पुरानी कब्ज को तोड़ने में मदद मिल सकती है।
इसबगोल है सबसे कारगर
कब्ज से राहत दिलाने में इसबगोल काफी प्रभावी माना जाता है। यह एक प्राकृतिक फाइबर स्रोत है जो आपकी पाचन प्रक्रिया को सुचारु रूप से काम करने में मदद करता है। आधे से एक चम्मच ईसबगोल को एक गिलास गुनगुने पानी में भिगोकर खाएं. रात में सोने से पहले इसका सेवन ज्यादा फायदेमंद माना जाता है।
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