Early Periods in Girls: क्यों बच्चियों को जल्‍दी आ रहे हैं पीरियड्स, कम उम्र में ही क्‍यों दिखने लगती हैं व्‍यस्‍क

हमारे देश में आमतौर पर पीरियड्स आने की उम्र 10-12 साल है लेकिन आजकल ऐसे कई मामले सुनने में आ रहे हैं कि छह से नौ साल की उम्र की बच्चियों के पीरियड्स शुरू हो जाते हैं। इसे अर्ली मेनार्की - Early Menarchy कहते हैं। आइए जानते हैं कि समय से पहले पीरियड्स आने के क्या कारण हो सकते हैं और ये कैसे उनके बचपन को प्रभावित कर रहे हैं।

उम्र से पहले पीरियड्स
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उम्र से पहले पीरियड्स

छोटी उम्र में ही पीरियड्स आने का मूल कारण है उम्र से पहले प्युबर्टी का आना यानी प्रीकॉशियस प्युबर्टी। आजकल प्रीकॉशियस प्युबर्टी के कई मामले देखने को मिल रहे हैं जो डॉक्टर्स और माता-पिता दोनों के लिए ही चिंताजनक है।

क्या है प्युबर्टी
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क्या है प्युबर्टी

प्युबर्टी यानी बच्चों के बालिग होने के बीच की कड़ी। ये एक ऐसी अवस्था है जिसमें लड़के या लड़की में कई तरह के शारीरिक और भावनात्मक बदलाव आते हैं। आमतौर पर प्युबर्टी लड़कियों में 8 से 13 साल की उम्र में शुरू होती है और लड़कों में 9 से 14 साल की उम्र से।

बढ़ रहे हैं मामले
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बढ़ रहे हैं मामले

प्युबर्टी के पहले शरीर कुछ संकेत दिखाता है। पहले के आंकड़े बताते हैं कि इन संकेतों के आने के 18 महीने से लेकर तीन साल बाद लड़कियों को पीरियड्स आते थे। लेकिन हाल में ऐसे मामले सामने आए हैं जहां ये गैप बहुत कम रह गया है।

क्यों हो रही है प्रीकॉशियस प्युबर्टी
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क्यों हो रही है प्रीकॉशियस प्युबर्टी

ये समझने के लिहाज से थोड़ी जटिल स्थिति है। लेकिन डॉक्टर्स इसके लिए जिन कारणों को जिम्मेदार मानते हैं उनमें सबसे ऊपर हैं बच्‍चों में बढता मोटापा और पोषण की कमी। ऐसा इसलिए क्‍योंकि कई रिसर्च में से साबित हुआ है कि शरीर में ज्यादा फैट होने से प्युबर्टी जल्दी आ सकती है।

जल्दी पीरियड्स आने के क्या हैं कारण
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जल्दी पीरियड्स आने के क्या हैं कारण

मोटापा के अलावा एक्सपर्ट्स इसके लिए कुछ और कारण बताते हैं - जैसे नाक या मुंह के जरिए कीटनाशकों का हमारे शरीर में जाना, मोबाइल-टीवी का ज्यादा इस्तेमाल या कुछ जेनेटिक डिसऑर्डर भी इसके कारण हो सकते हैं।

पेरेंट्स क्या कर सकते हैं
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पेरेंट्स क्‍या कर सकते हैं

जो भी पेरेंट्स प्रीकॉशियस प्युबर्टी को लेकर चिंतित हैं, वो किसी जनरल फिजिशियन या पीडियाट्रिक एंडोक्राइन एक्सपर्ट से इस मामले में व्यक्तिगत राय लेकर उपचार के रास्ते तलाश सकते हैं।

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