ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए नहीं पड़ेगी इंसुलिन की जरूरत! डायबिटीज के लिए रामबाण है ये अनोखा फूल

डायबिटीज एक ऐसा रोग है जो एक बार हो जाए तो केवल जीवनशैली को सुधार कर ही सामान्य जीवन जिया जा सकता है। अच्छे खान-पान, एक्सरसाइज और दवाइयों की मदद से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखा जाता है। इसी कड़ी में आयुर्वेद की शरण भी ली जाती है। आज हम आपको आयुर्वेद की गोद से एक निकली ऐसी ही चीज के बारें में बता रहे हैं जिसका नाम है पनीर का फूल। आइए जानते हैं डायबिटीज में इसके लाभ।

आयुर्वेद का वरदान
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आयुर्वेद का वरदान

पनीर का फूल, जिसे पनीर डोडा, पनीर डोडी या इंडियन रेनेट भी कहा जाता है, सोलेनेसी परिवार से संबंध रखता है। इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में कई तरह की दवाएं बनाने में किया जाता है। खाने में इसका स्वाद मीठा होता है लेकिन ये डायबिटीज में विशेष रूप से फायदा करता है।

कई बीमारियों से दिलाता है निजात
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कई बीमारियों से दिलाता है निजात

डायबिटीज के अलावा भी कई और रोगों में इससे बनाई गयी दवाएं काम आती हैं। जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में, पेशाब से जुड़ी समस्याओं में, दमे की समस्या और अनिद्रा जैसी बीमारियों में भी पनीर डोडा खूब फायदा करता है।

डायबिटीज रोगियों के लिए वरदान
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डायबिटीज रोगियों के लिए वरदान

डायबिटीज से ग्रस्त लोगों के लिए ये फूल वरदान से कम नहीं है। इस फूल का रोजाना सेवन हाई ब्लड शुगर को कम करता है और इसमें इंसुलिन के स्तर को भी नियंत्रित करने की क्षमता होती है। साथ ही इससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बेहतर होता है।

क्या कहती है स्टडी
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क्या कहती है स्टडी

नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) द्वारा की गयी स्टडी पाया गया कि 30 दिनों तक पनीर डोडा के सेवन लोगों के ग्लाइसेमिक कंडीशन में काफी सुधार हुआ है। ये इंसुलिन बनाने वाले बीटा सेल्स को रिपेयर करके पैंक्रियाज की सेहत को बेहतर करता है।

कैसे करें इसका सेवन
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कैसे करें इसका सेवन

इसके 4-5 फूलों को रात भर के लिए एक गिलास पानी में भिगो दें। फिर सुबह फूलों को छानकर सिर्फ पानी को पी लें। इसके अलावा आप पनीर डोडा का काढ़ा भी बना सकते हैं। काढ़ा बनाने के लिए इसके कुछ फूलों को पानी में 2 घंटे के लिए भिगों दें फिर इसको उबालकर छान लें, इसे खाली पेट पीएं।

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