सद्गुरु ने बताया बच्चों को क्यों न पिलाएं दूध, इस उम्र से देना शुरू करें ये देसी चीजें, बुढ़ापे तक हड्डियां नहीं होंगी कमजोर

सद्गुरु ने बच्चों को दूध पिलाने को लेकर बहुत जरूरी जानकारी शेयर की है। बच्चों को पिलाया जाने वाला दूध सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह हो सकता है। इसके बजाए कई ऐसी चीजें हैं, जिन्हें अगर बच्चों को खिलाया जाए तो वह भविष्य में अधिक मजबूत बनते हैं।

सद्गुरु के हेल्थ टिप्स
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​सद्गुरु के हेल्थ टिप्स

लोगों की सेहत को बढ़ावा देने और सही खानपान को लेकर सद्गुरु जग्गी वासुदेव आए दिन कुछ न कुछ हेल्थ टिप्स शेयर करते रहते हैं। उनके अनुसार, हमारा खानपान और जीवनशैली हमारे स्वस्थ को बनाए रखने में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। आमतौर पर दूध का सेवन बहुत लाभकारी माना जाता है। बच्चा जब मां का दूध पीना बंद करता है, तो उसे बचपन से ही गाय या भैंस का दूध पिलाना शुरू किया जाता है। लेकिन क्या यह दूध सेहतमंद होता है? जानें सद्गुरु इसको लेकर क्या कहते हैं।और पढ़ें

बच्चों के लिए दूध कितना सेफ
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​बच्चों के लिए दूध कितना सेफ

सोशल मीडिया पर वायरस सद्गुरु ने एक वीडियो में बताया है कि बच्चों को गाय या भैंस का दूध देना सुरक्षित नहीं है। यह उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।

एलर्जी के खतरे में डाल सकता है दूध
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​एलर्जी के खतरे में डाल सकता है दूध

सद्गुरु का कहना है कि ऐसा नहीं है कि गाय या भैंस का दूध पीने से बच्चों में एलर्जी का विकास होता है, लेकिन यह इसके विकास में योगदान जरूर दे सकता है।

क्यों दूध से करें परहेज
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​क्यों दूध से करें परहेज

सद्गुरु का कहना है कि जो दूध हम पीते हैं वह प्लांट में हजारों-लाखों गाय या भैंस का मिक्स दूध होता है। वह किसी एक गाय या भैंस से नहीं आती है। उसमें कई प्रजातियों का दूध होता है। यह मिक्स दूध सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है।

किस उम्र से छुड़ाएं दूध
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​किस उम्र से छुड़ाएं दूध

सद्गुरु का कहना है कि बच्चा जब मां का दूध छोड़ता है और वह 1 साल तक का हो जाता है, तो वह सभी चीजें खा सकता है जो एक आम व्यक्ति खाता है। वह फल-सब्जियां, अनाज आदि सभी खा सकता है। तो जरूरी नहीं कि उसके बात उसे गाय या भैंस का दूध पिलाया जाए।

तो बच्चे को क्या खिलाएं
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​तो बच्चे को क्या खिलाएं

सद्गुरु के अनुसार अगर आप बच्चे को छोटी उम्र से ही दाल, फलियां आदि खिलाना शुरु करते हैं, तो इससे वह भविष्य में अधिक मजबूत बन सकता है। इस तरह वह भविष्य में फूड एलर्जी और पाचन संबंधी समस्याओं से भी बचता है।

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