ये बूटी है आयुर्वेद की सबसे चमत्कारी औषधि, 10 बीमारियों का है काल, शरीर की कमजोरी बनेगी बीते कल की बात

आयुर्वेद में जिस बूटी को बेहद चमत्कारी माना गया है, वह एक दो नहीं बल्कि कई बीमारियों का एक साथ नाश करती है। इसे खाने से शरीर को ताकत मिलती है, और यह अंदर से मजबूत होता है। आप भी जानें इस मिरैकल मेडिसिन के बारे में और किन समस्यों में इसका सेवन आपको राहत देगा।

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चमत्कारी औषधि

आयुर्वेद के विज्ञान में कई जड़ी बूटियों से कई बड़ी समस्याओं की दवाइयां तैयार की जाती हैं और ये तासीर के मुताबिक मरीज को दी जाती है। इनमें से कई जड़ी बूटियां चमत्कारी प्रभाव वाली मानी जाती हैं जो शरीर की छोटी बड़ी प्रॉब्लम्स को दूर करती हैं। ऐसी ही एक बूटी जिसे मिरैकल मेडिसिन के तौर पर देखा जाता है - वो है हरड़। हरड़ को सुखाकर इसके चूर्ण या पाउडर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। ये कब्ज को दूर करने, बॉडी को डिटॉक्सिफाई करने और शरीर कां अंदरूनी ताकत देने वाली बूटी के तौर पर जानी जाती है।

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हरड़ का दूसरा नाम

हरड़ को हरीतकी भी कहा जाता है। हल्के कसैले स्वाद इस बूटी में विटामिन सी, आयरन, मैग्नीज, सेलेनियम और कॉपर जैसे तत्व शरीर की जरूरत के हिसााब से भरपूर मात्रा में होते हैं।

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हरड़ की खूबियां

हरड़ को रुद्राक्ष यानी सूखी तासीर वाली, दीपन यानी भूख जगाने वाली, मेध्या यानी दिमाग तेज करने वाली और रसायना यानी ताकत और मजबूती देने वाली औषधि के तौर पर जाना जाता है।

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कौन करे सेवन

हरड़ का सेवन कब्ज, बेजान चेहरा, बवासीर, कमजोर, खून की कमी, भूख न लगना, बालों का गिरना, कमजोर हड्डियां, अपच, गैस, उल्टी, वजन कम करना, जोड़ों का दर्द, आंखों की सूजन और संक्रमण, याददाश्त कमजोर होना, स्टैमिना कम पड़ना जैसी 10 से अधिक बड़ी समस्याओं में लाभदायक माना जाता है।

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कितनी मात्रा में करें सेवन

हरड़ को लेने के अलग अलग तरीके बताए गए हैं। लेकिन किसी विशेषज्ञ की देखरेख में उम्र, वजन और समस्या की गंभीरता के अनुसार हरड़ का सेवन करना चाहिए। हालांकि साफ पेट औ वजन कम करने के लिए रात को पानी के साथ आधा चम्मच हरड़ का चूर्ण लेना आमतौर पर फायदेमंद बताया जाता है।