गंभीर बीमारियों का इशारा करता है जीभ का बदलता रंग, अनदेखा करना सेहत को पड़ सकता है भारी

जीभ का रंग हमारी सेहत को लेकर कई तरह के इशारे करता है। जिसको समय पर पहचान लेने से कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम को टाला जा सकता है। आज हम आपको जीभ के अलग-अलग रंग और उनकी हेल्थ प्रॉब्लम के बारे में बताने जा रहे हैं।

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जीभ के रंग और सेहत का संबंध

हमारे स्वास्थ्य के बारे में पहला संकेत हमारा शरीर ही देता है। हर बीमारी के कुछ न कुछ लक्षण होते हैं जो शरीर पर दिखते ही हैं। लेकिन ये जरूरी नहीं कि इन लक्षणों से पूरा शरीर प्रभावित हो, कई बार हमारे कुछ अंग विशेष संकेत देकर हमारी सेहत के बारे में आगाह करते हैं। ऐसा ही एक अंग है हमारी जीभ। जीभ की बनावट और उसका रंग हमें कुछ समस्याओं का संकेत दे सकती है। कई बार ये समस्या गंभीर भी हो सकती है। आइए जीभ के संकेतों को समझते हैं।

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लाल जीभ

लाल जीभ कई तरह की दिक्कत बता सकती है। ये किसी एलर्जी की वजह से भी लाल हो सकती है लेकिन ये कई बार स्कारलेट फीवर, जीभ में सूजन जिसे ग्लोसाइटिस भी कहते हैं या कावासाकी रोग का संकेत भी देती है। साथ ही ये शरीर में विटामिन बी की कमी को भी बताती है।

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गुलाबी जीभ

सामान्य तौर पर जीभ का रंग गुलाबी ही दिखता है। अगर जीभ पर छोटे-छोटे उभरे हुए दाने हों और उसका रंग गुलाबी हो तो ये अच्छी सेहत का संकेत है। इसका मतलब आपकी ओरल हेल्थ भी अच्छी है और आप बैलेंस डाइट ले रहे हैं।

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पीली जीभ

खराब ओरल हेल्थ की वजह से जीभ का रंग पीला हो सकता है। डायबिटीज के कुछ मामलों में भी जीभ में पीलापन दिख सकता है। इसके अलावा ये पीलिया जैसी गंभीर बीमारी के लक्षण के तौर पर दिख सकती है।

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काली जीभ

खराब ओरल हेल्थ के अलावा भी जीभ के काली होने के कई कारण हो सकते हैं। तंबाकू के इस्तेमाल से, रेडिएशन थेरेपी की वजह से या कुछ दवाओं के इस्तेमाल से भी जीभ का रंग काला पड़ सकता है। ये किसी गंभीर समस्या का कारण भी हो सकता है, इसलिए काली जीभ दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

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हरी जीभ

हरी जीभ होने का एक कारण बैक्टीरियल या फंगल इन्फेक्शन हो सकता है, इसके अलावा ये लाइकेन प्लानस या ल्यूकोप्लाकिया के कारण भी हो सकता है। खराब ओरल हेल्थ से भी जीभ हरी दिख सकती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।