NDRF की एक बटालियन में कितने जांबाज, जानिए कब हुआ इसका गठन

आपदा प्रबंधन कानून में ही प्राकृति एवं मानव जनित आपदाओं से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) को संवैधानिक शक्तियां दी गई हैं। इस कानून के तहत ही साल 2006 में आठ बटालियन के साथ एनडीआरएफ का गठन हुआ।

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हादसे वाली जगह पर सबसे पहले पहुंचता है

अपने गठन के बाद से ही एनडीआरएफ अपनी सेवाओं से लोगों का दिल जीतता आया है। कहीं भी आपदा और दुर्घटना होने पर एनडीआरएफ सबसे पहले पहुंचता है। जिंदगियां बचाने में इसके कर्मी रात-दिन लगे रहते हैं।

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एनडीआरएफ के पास 12 बटालियन

अभी वर्तमान में एनडीआरएफ के पास 12 बटालियन हैं और हर एक बटालियन में 1149 कर्मी हैं। शुरुआत में एनडीआरएफ कर्मियों की तैनाती कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में भी की जाती थी लेकिन 2007 में इसका काम केवल प्राकृतिक आपदाओं तक सीमित कर दिया गया। साल 2008 में एनडीआरएफ रूल्स अधिसूचित हुए। आपदाओं और उससे जुड़े कार्यों के लिए इसे एकीकृत कमांड डीजी एनडीआरएफ के तहत एक समर्पित बल बना दिया गया।

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पहली परीक्षा 2008 के कोसी बाढ़ में हुई​

प्राकृतिक आपदाओं के लिए एक समर्पित बल बनने के बाद एनडीआरएफ की पहली परीक्षा 2008 के कोसी बाढ़ में हुई। 19 अगस्त 2008 को कोसी बैराज में दरार आने के बाद एनडीआरएफ को तत्काल बिहार रवाना किया गया।

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153 लोगों को एयरलिफ्ट किया​

इस आपदा में एनडीआरएफ ने अपनी क्षमता और काबिलियत का शानदार प्रदर्शन किया। इसने युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य चलाए। इसने बाढ़ में फंसे 153 लोगों को एयरलिफ्ट किया।

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बिहार के सीएम ने प्रशंसा की

बाढ़ के शुरुआती चरण में ही एनडीआरएफ ने एक लाख से ज्यादा बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इस बाढ़ की विभीषका से लोगों को बचाने में एनडीआरएफ द्वारा किए गए कार्यों की सराहना बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने भी की।