आराध्या के साथ ऐश्वर्या भूलकर भी नहीं करती हैं ये एक काम, तभी तो कम उम्र में भी इतनी कॉन्फिडेंट नजर आती है बच्चन बेटी
बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय प्रोफेशनल कमिटमेंट के बाद भी मां होने का कर्तव्य बखूबी निभाती हैं। आराध्या और ऐश्वर्या मां बेटी के खास रिश्ते का ट्रेंड सेटर रही हैं। दोनों के बीच की बॉन्डिंग कमाल की है। ऐश्वर्या ने बचपन से ही आराध्या की परवरिश पर खूब ध्यान दिया है, तभी आराध्या इतनी कॉन्फिडेंट नज़र आती हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे पेरेंटिंग टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे हर पेरेंट्स को फॉलो करना चाहिए, ताकि आपका बच्चा भी आराध्या की तरह कॉन्फिडेंट बन सके।
ऐश्वर्या राय पेरेंटिंग टिप्स
पूर्व मिस वर्ल्ड और बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय की गिनती इंडस्ट्री की बेस्ट मॉम्स में की जाती है। ऐश्वर्या जहां भी जाती हैं, वो अपनी बेटी आराध्या को साथ लेकर जाती हैं। ऐश्वर्या राय की बेटी अक्सर स्पॉटलाइट में रहती है। उन्होंने अपनी बच्ची की परवरिश काफी अच्छे से की है। इस बात का सबूत है आराध्या का कॉन्फिडेंस। आराध्या काफी कॉन्फिडेंट हैं और ऐसा भी कहा जाता है वो ऐश्वर्या की तरह ही बेबाक और बोल्ड होंगी। ऐसे में कई पेरेंट्स अपने बच्चों को भी आराध्या की तरह कॉन्फिडेंट बनाना चाहते हैं, लेकिन बच्चों में कॉन्फिडेंस नहीं डेवलप कर पाते हैं। आज हम कुछ ऐसे पेरेंटिंग टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो हर पेरेंट्स फॉलो कर अपने बच्चों को आराध्या की तरह कॉन्फिटेंड बना सकते हैं। और पढ़ें
बच्चों पर ना चिल्लाएं
बच्चों पर चिल्लाना कई पेरेंट्स के लिए एक आम बात हो सकती है। लेकिन ये बच्चों के इमोशन और साइकोलॉजी पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। इससे बच्चों के मन में डर पैदा हो सकता है और वो डरपोक बन सकते हैं। यहां हम आपको समझाने की कोशिश करेंगे कि बच्चों पर क्यों नहीं चिल्लाना चाहिए।
इमोशनल हेल्थ के लिए
चिल्लाने से बच्चों में डर, चिंता और असुरक्षा पैदा हो सकती है। बार-बार चिल्लाने से बच्चे लंबे समय तक इससे प्रभावित हो सकते हैं। उनका कॉन्फिडेंस डाउन हो सकता है।
पेरेंट्स-बच्चों के रिश्ते पर असर
बार-बार चिल्लाने से पेरेंट्स और बच्चों के बीच का संबंध खराब हो सकता है, जिससे उनके रिश्ते में विश्वास की जगह डर पैदा हो जाता है। ऐसा करने से बच्चे अपने पेरेंट्स से दूर-दूर रहने लगते हैं। साथ ही कम बातचीत करने वाले बन जाते हैं।
अग्रेसिव बन जाते हैं बच्चे
बार बार बच्चों पर चिल्लाने से वो, आक्रामक व्यवहार अपनाते हैं। इससे बच्चे ये सिखते हैं कि चिल्लाना गुस्सा व्यक्त करने या समस्याओं को हल करने का एक स्वीकार्य तरीका है।
बच्चे की सीखने की क्षमता हो जाती है कम
चिल्लाने से तनावपूर्ण माहौल बनता है जो बच्चे के संज्ञानात्मक विकास को प्रभावित कर सकता है। इससे बच्चों का कंसंट्रेशन पावर, सीखने की क्षमता कम होती है।
व्यवहार संबंधी समस्याएं
बार बार बच्चों पर चिल्लाने से उनका व्यवहार बुरा हो सकता है। बच्चे अधिक विद्रोही, विरोधी और नियमों का पालन ना करने वाले बन सकते हैं।
डर से भरा वातावरण
जिस घर में चिल्लाना आम बात है वहां भय का माहौल बन सकता है। जहां बच्चे सही-गलत में फर्क करने की बजाय सजा से बचने पर अधिक ध्यान देते हैं।
आत्मसम्मान होता है कम
जिन बच्चों पर बार-बार चिल्लाया जाता है उनमें नकारात्मकता आ जाती है, जिससे उनकी आत्म-छवि ख़राब होती है। उन्हें लगने लगताहै कि वे स्वाभाविक रूप से बुरे हैं या प्यार और सम्मान के लायक नहीं हैं।
सालों के इंतज़ार के बाद दुल्हन बनीं हिना खान.. सुर्ख लाल लहंगे में देख छलकी फैंस की आंखें, नई ब्राइड्स लें टिप्स
2 देश, 104 द्वीप और 10277 वर्ग किलोमीटर में फैला है दुनिया का सबसे बड़ा डेल्टा, बंगाल टाइगर समेत 2487 जीव-जंतुओं का है घर
Stars Spotted Today: बेटी राहा को गोद में लिए नजर आईं आलिया भट्ट, इवेंट से वायरल हुईं आराध्या-ऐश्वर्या राय की तस्वीरें
World’s First Car: ये है दुनिया की पहली कार, तीन पहियों वाली मोटर-साइकिल की आज इतनी है कीमत
इन 3 खिलाड़ियों को पक्का रिटेन करेगी दिल्ली कैपिटल्स
Chandra Grahan (Lunar Eclipse) 2024 Date And Time: चंद्र ग्रहण कब लग रहा है 17 याा 18 सितंबर, क्या भारत में देगा दिखाई?
Bajaj Housing Finance: बजाज हाउसिंग फाइनेंस बनी देश की सबसे मूल्यवान आवास वित्त कंपनी
Ganesh Visarjan Puja Samagri List 2024: गणेश विसर्जन की पूजा में शामिल करें ये खास चीजें, यहां नोट करें सारी सामग्री
Anant Chaturashi Vrat Katha In Hindi: अनंत चतुर्दशी क्यों मनाई जाती है, यहां जानिए इसकी व्रत कथा
Anant Chaturdashi 2024 Ganesh Visarjan Muhurat: अनंत चतुर्दशी पर इस मुहूर्त में करें गणेश विसर्जन, जान लें पूजा की सरल विधि
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited