Parenting Tips: जिंदगी की रेस में कभी नहीं हारेंगे बच्चे, माता-पिता मान लें एपीजे अब्दुल कलाम की ये 5 बातें

APJ Abdul Kalam Parenting Tips: आज डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की डेथ एनिवर्सरी (Dr. APJ Abdul Kalam Death Anniversary) है। 27 जुलाई 2015 को डॉ. कलाम का निधन हो गया था। वह अपने काम के कारण भारत के मिसाइल मैन भी कहलाते थे। देश के 11वें राष्ट्रपति रहे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को सरकार की उर से सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा गया था। एपीजे भले इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी सिखाई बातें सदियों तक याद रखी जाएंगी।

एपीजे अब्दुल कलाम के पैरेंटिंग टिप्सDr Kalam Parenting Tips in Hindi
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एपीजे अब्दुल कलाम के पैरेंटिंग टिप्स(Dr. Kalam Parenting Tips in Hindi)

डॉ. कलाम की जिंदगी हर इंसान को कुछ ना कुछ सीख देती है। एपीजे अब्दुल कलाम जब तक जिंदा रहे तब तक दूसरों को बेहतर बनाने की कोशिश भी करते रहे। उन्होंने पैरेंट्स को भी बच्‍चों की अच्‍छी परवरिश करने के लिए कुछ सीख और टिप्‍स दिए थे। अगर आप अपने बच्चों की बेहतर परवरिश करना चाहते हैं तो डॉ. कलाम की बताई इन बातों को अपनी पैरेंटिंग में शामिल कर सकते हैं। इससे आपे बच्चे करियर में सफल होने के साथ ही एक बेहतर इंसान भी बनेंगे:और पढ़ें

बच्चों को बनाएं संवेदनशील
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बच्चों को बनाएं संवेदनशील

डॉक्‍टर कलाम का मानना था कि माता-पिता को अपने बच्‍चों संवेदनशील बनाना चाहिए। इससे बच्‍चा दूसरों की मदद के लिए खड़ा रहेगा। वो कहते थे कि दुनिया को संवेदनशील लोगों की बहुत जरूरत है।

बच्चों के लिए बनें उदाहरण
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बच्चों के लिए बनें उदाहरण

एपीजे अब्दुल कलाम हमेशा कहते थे कि आप जैसा व्‍यवहार करेंगे, बच्‍चे भी बड़े होकर ठीक वैसा ही करेंगे। इसीलिए जरूरी है कि पैरेट्स भी अपना आचण वैसा ही रखें जैसा वह अपने बच्चों से उम्मीद रखते हैं।

बच्चों को दें अच्छा माहौल
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बच्चों को दें अच्छा माहौल

कलाम ये मानते थे कि यदि घर का माहौल अच्छा हो तो बच्चे का विकास भी बढ़िया होता है। इससे बच्‍चे का आ‍त्‍मविश्‍वास बढ़ता है, उसका दिमाग तेज होता है और उसे अपनी जिंदगी में ऊंचाईयों को छूने का मौका मिल पाता है। बच्चों को सफल बनाना है तो उसे खुशी का माहौल दें।

बच्चों के सामने कभी ना झगड़ें
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बच्चों के सामने कभी ना झगड़ें

कलाम की नजर में मां-बाप के झगड़ों का बच्चे पर बहुत बुरा असर पड़ता है। अपने पेरेंट्स का झगड़ा देख बच्चे के अंदर डर और गुस्सा पैदा होता है जिससे उसकी एकाग्रता कम होती जाती है।

सिखाएं सच्चाई और ईमानदारी का पाठ
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सिखाएं सच्चाई और ईमानदारी का पाठ

डॉक्‍टर कलाम बच्‍चों के लिए शिक्षा के साथ-साथ उन्‍हें जीवन के कुछ अच्‍छे मूल्‍य सिखाने की भी सलाह देते हैं। उनका कहना था कि बच्‍चों के मन में सच्‍चाई और ईमानदार का भाव भी पैदा करना चाहिए।

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