क्या है महासतिया जहां सजी अरविंद सिंह मेवाड़ की चिता, महाराणा प्रताप के वंशजों का यूं होता है अंतिम संस्कार

मेवाड़ राजपरिवार (Mewar Dynasty) के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ (Arvind Singh Mewar) का 16 मार्च को निधन हो गया था। 17 मार्च को उनका अंतिम संस्कार हुआ। अरविंद सिंह मेवाड़ महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) के वंशज थे और मेवाड़ राजवंश के प्रमुख सदस्य थे। महासतिया में अरविंद सिंह मेवाड़ के पार्थिव शरीर को अग्नि दी गई। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये महासतिया क्या है और शाही परिवार के सदस्यों का अंतिम संस्कार कैसे होता है?

क्या है महासतिया
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क्या है महासतिया

महासतिया संस्कृत के दो शब्दों से बना है- महा और सती। महा मतलब महान और सती मतलब श्मशान भूमि। महासतिया का मतलब हुआ महान श्मशान भूमि। महासतिया उदयपुर में गुंगू कुंड के पास बना शाही श्मसान घाट है। यहां सिर्फ मेवाड़ राजवंश के सदस्यों का ही अंतिम संस्कार होता है।

बेहद खूबसूरत है महासतिया
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बेहद खूबसूरत है महासतिया

महासतिया चारों ओर हरियाली और पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां पर जिन शाही सदस्यों का अंतिम संस्कार हुआ है उनकी स्मृति में कई बेहद खूबसूरत संगमरमर की छतरियां बनाई गई हैं। इन छतरियों पर बेहद सुंदर कारीगरी की गई है।

कैसे होता है शाही सदस्यों का अंतिम संस्कार
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कैसे होता है शाही सदस्यों का अंतिम संस्कार

मेवाड़ राजवंश में जब किसी का निधन होता है तो उसके पार्थिव शरीर को गंगाजल से स्नान कराकर भगवा वस्त्र पहनाया जाता है। आभूषण, ढाल, तलवारें भेंट की जाती हैं। राजमहल के सरकारी विभागों में ताले लगा चाबी जमा करा ली जाती है।

अंतिम संस्कार से पहले अछूताई
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अंतिम संस्कार से पहले अछूताई

महासतिया में जिस जगह पर चिता सजनी होती है वहां करमसी नागदा के वंशजों के 5 सदस्य जाते हैं। उस जगह विशेष को गोमूत्र, गोबर और लाल मिट्टी से लीपते हैं। इस काम को अछूताई कहा जाता है। इशके बाद शाही सदस्य के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी जाती है।

छत्र के जरिए रखते हैं याद
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छत्र के जरिए रखते हैं याद

अंतिम संस्कार के बाद, जिस जगह चिता जलाई जाती है ठीक वहीं पर एक खूबसूरत छत्र का निर्माण किया जाता है तो मृतक की स्मृति के तौर पर दर्ज हो जाती है।

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