Atal Bihari Vajpayee Motivational Quotes: युवाओं को अर्श से फर्श तक ले जाएंगी अटल बिहारी की ये बातें, यहां पढ़ें उनके मोटिवेशनल कोट्स

Atal Bihari Vajpayee Motivational Quotes: अटल बिहारी वाजपेयी की आज छठी पुण्यतिथि मनाई जा रही है। उनके विचार आज भी युवाओं को प्रेरित करते हैं। ऐसे में उनकी पुण्यतिथी पर यहां पढ़ें उनके कुछ प्रेरक विचार।

अटल बिहारी वाजपेयी के प्रेरक विचार
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अटल बिहारी वाजपेयी के प्रेरक विचार

Atal Bihari Vajpayee Motivational Quotes: भारत के दसवें प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था। वहीं उनकी मृत्यु 16 अगस्त 2018 को दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में हुआ था। आज अटल बिहारी वाजपेयी की छठी पुण्यतिथि मनाई जा रही है। वो ना केवल एक बेहतर प्रधानमंत्री रहे बल्कि महान कवि, बहुमुखी प्रतिभा के धनी और विराट व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे। उनकी कही बातें आज भी युवाओं को मोटिवेट करती है। यहां पढ़ें उनके कुछ प्रेरक विचार। और पढ़ें

पूर्णता
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पूर्णता

जीवन को टुकड़ों में नहीं बांटा जा सकता, उसका ‘पूर्णता’ में ही विचार किया जाना चाहिए।

स्वदेश-प्रेम
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स्वदेश-प्रेम

मुझे स्वदेश-प्रेम, जीवन-दर्शन, प्रकृति तथा मधुर भाव की कविताएं बाल्यावस्था से ही आकर्षित करती रही हैं।

निरक्षरता और निर्धनता
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निरक्षरता और निर्धनता

निरक्षरता और निर्धनता का बड़ा गहरा संबंध है।

सेवा
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सेवा

सेवा-कार्यों की उम्मीद सरकार से नहीं की जा सकती । उसके लिए समाज-सेवी संस्थाओं को ही आगे उगना पड़ेगा ।

राजनीति और साहित्य
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राजनीति और साहित्य

जो राजनीति में रुचि लेता है, वह साहित्य के लिए समय नहीं निकाल पाता और साहित्यकार राजनीति के लिए समय नहीं दे पाता, लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं, जो दोनों के लिए समय देते हैं। वे अभिनंदनीय हैं।

उज्ज्वलता
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उज्ज्वलता

अमावस के अभेद्य अंधकार का अंतःकरण पूर्णिमा की उज्ज्वलता का स्मरण कर थर्रा उठता है ।

शिक्षा
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शिक्षा

शिक्षा के द्वारा व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास होता है, व्यक्तित्व के उत्तम विकास के लिए शिक्षा का स्वरूप आदर्शों से युक्त होना चाहिए। हमारी माटी में आदर्शों की कमी नहीं है। शिक्षा द्वारा ही हम नवयुवकों में राष्ट्र प्रेम की भावना जाग्रत कर सकते हैं।

मातृ भाषा
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मातृ भाषा

शिक्षा का माध्यम मातृ भाषा होनी चाहिए। ऊंची से ऊंची शिक्षा मातृ भाषा के माध्यम से दी जानी चाहिए।

अपितु
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अपितु

राष्ट्र कुछ संप्रदायों तथा जनसमूहों का समुच्चय मात्र नहीं, अपितु एक जीवमान इकाई है।

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