ताकत बढ़ाने के लिए घोल कर पी जाएं चाणक्य की ये 5 बातें, बुढ़ापे में भी बना रहेगा यौवन

Chanakya: नंद वंश का नाश करके चंद्रगुप्त मौर्य को राजगद्दी पर बिठाने वाले आचार्य चाणक्य अगर आज जीवित होते तो शायद दुनिया के सबसे बड़े मोटिवेशनल स्पीकर या लाइफ कोच कहलाते। उन्होंने सैकड़ों साल पहले लोगों को जीवन के ऐसे-ऐसे मंत्र दिये जो आज भी मौजूं हैं। चाणक्य के बताए सूत्र चाणक्य नीति के तौर पर हमारे बीच हैं जिनसे लोग ना जाने कितनी ही बातें सीख जीवन खुशहाल बना सकते हैं।

ताकत के लिए चाणक्य का रामबाण
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ताकत के लिए चाणक्य का रामबाण

Chanakya Niti Tips to stay young: चाणक्य नीति में यह भी बताया गया है कि किस तरह का खानपान रखकर हम बुढ़ापे को लंबे समय तक दूर रख सकते हैं। चाणक्य की बताई इन बातों पर अमल कर हम ढलती उम्र में भी जवानों सी ताकत पा सके हैं। आपको इस तरह के खानपान से बुढ़ापे में भी ऐसी ताकत का अहसास होगा कि आप युवाओं सा महसूस करेंगे।

किसमें कितनी ताकत
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किसमें कितनी ताकत

चाणक्य ने अपनी इस नीति में आटा, दूध और शाकाहार के साथ ही मांसाहार के बारे में भी बताया है। चाणक्य ने इन सबकी तुलना करते हुए बताया है कि किसमें कितने गुना ताकत होती है।

देसी घी सब पर भारी
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देसी घी सब पर भारी

अन्न से दस गुना ज्यादा ऊर्जा उसके आटे में होती है। आटे से दस गुना अधिक ऊर्जा होती है दूध में। दूध से आठ गुना अधिक बल होता है मांस में। मांसाहार से भी दस गुना अधिक बल होता है घी में।

चाणक्य का सूत्र
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चाणक्य का सूत्र

चाणक्य ने खान-पान का यह सूत्र अपने नीति ग्रंथ के दसवें अध्याय के उन्नीसवें श्लोक में बताया है। वह श्लोक इस प्रकार से है - अन्नाद्दशगुणं पिष्टं पिष्टाद्दशगुणं पय:। पयसोथऽष्टगुणं मांसं मांसाद्दशगुणं घृतम्।।

मेहनत के अनुसार भोजन
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मेहनत के अनुसार भोजन

आचार्य चाणक्य ने बुद्धि के साथ कर्म और मेहनत को भी महत्वपूर्ण बताया है। उनके अनुसार स्त्री और पुरुषों को मेहनत के अनुसार भोजन करना चाहिए।

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