दूध फाड़कर मिठाई सबसे पहले किसने बनाई, जानिए छेना कैसे बनी गरीबों की पसंदीदा मिठाई

​भारत अपने खान-पान, लजीज व्यंजनों और खासतौर पर मीठे पकवानों के लिए दुनियाभर में मशहूर है। यहां की मिठाइयों का स्वाद सात समुंदर पार के लोगों की जुबान पर भी लंबे समय तक रहता है। बात मिठाइयों की करें तो भारत में सैकड़ों तरह की मिठाई खाई, बनाई और खिलाई जाती है।

दूध फाड़कर छेना
01 / 06

दूध फाड़कर छेना

भारत में जितने राज्य है उन सबकी अपनी कोई ना कोई खास मिठाई फेमस है। लेकिन एक मिठाई है जो हर राज्य में किसी ना किसी नाम और वैरायटी में मिल जाएगी। हिंदी बेल्ट में इस मिठाई को कहते हैं छेना। छेना दूध को फाड़कर बनाया जाता है। वैसे हिंदू मान्यता के हिसाब से दूध फाड़ना शुभ नहीं होता है। तो फिर आखिर भारत में कैसे हुई छेने की शुरुआत?और पढ़ें

पुर्तगाल
02 / 06

पुर्तगाल

भारत में छेना बनाने का श्रेय पुर्तगालियों का जाता है। छेने की शुरुआत बंगाल से हुई। 1517 में पुर्तगालियों के आने से पहले तक बंगाल में दूध को फाड़कर छेना नहीं बनाया जाता था।

नींबू से फाड़ते हैं दूध
03 / 06

नींबू से फाड़ते हैं दूध

पुर्तगाली दूध को फाड़कर चीज़ बनाया करते थे। पुर्तगालियों के प्रभाव में बंगाल में भी दूध में नींबू का रस डाल फाड़कर खाने की चीजें बनाई जाने लगीं।

मीठे के शौकीन बंगाली
04 / 06

मीठे के शौकीन बंगाली

बंगाली लोग मीठे के शौकीन रहे हैं। अपनी इसी आदत से उन्होंने छेने को मीठा बनाना शुरू कर दिया। देखते ही देखते छेना मिठाई पूरे देश में मशहूर हो गई। इसी छेने ने आगे चलकर रसगुल्ले का रूप ले लिया।

गरीबों की मिठाई
05 / 06

गरीबों की मिठाई

छेना ऐसी मिठाई है जिसे आसानी से बनाया जा सकता है। दरअसल इस मिठाई को बनाने के लिए सिर्फ दूध और चीनी चाहिए। यही कारण है कि छेना निम्न आर्थिक वर्ग के बीच इतना पॉपुलर हो गया।

भारतीयों की पहली पसंद छेना
06 / 06

भारतीयों की पहली पसंद छेना!

उम्मीद है कि आप समझ गए होंगे कि भारत में इतना छेना क्यों खाया जाता है। बस छेने की एक कमी ये है कि ये ज्यादा दिनों तक ताजा नहीं रहती है।

End of Photo Gallery
Subscribe to our daily Newsletter!

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited