आपके बच्चे में भर जाएगा कॉन्फिडेंट और मजबूती, करोड़ों की मालकिन सुधा मूर्ति ने खोले राज

पद्म श्री से सम्‍मानित इंफोसिस के सह-संस्‍थापक नारायण मूर्ति की पत्‍नी सुधा मूर्ति काफी ज्यादा पॉपुलर हैं। सुधा जी एक सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते खुलकर अपनी बात रखती हैं। ऐसे में जो पैरेंट्स पेरेंटिंग टिप्‍स की तलाश में हैं वो सुधा जी की टिप्स की मदद से अपने बच्‍चों को और अच्‍छी परवरिश दे सकते हैं।

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पैरेंट्स बनना होता है जिम्मेदारी का काम

आज के टाइम में शायद ही ऐसा कोई पैरेंट्स हो जो इस बात से इन्कार करे कि बच्चों का पालन-पोषण करना एक बड़ी जिम्मेदारी का काम है। पैरेंट्स अक्सर ऐसी कुछ टिप्स की तलाश में रहते हैं जो उनके बच्चों की अच्छी परवरिश में उनकी मदद कर सके। इंफोसिस के सह-संस्‍थापक नारायण मूर्ति की पत्‍नी सुधा मूर्ति जी द्वारा दी गईं कुछ टिप्स आपके बेहद काम आ सकती हैं।

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हर मामले में ना दें दखल

सुधा जी का मानना है कि बच्चों को स्‍पेस देने से उनका दिमाग खुलता है और वो अपने फैसलों, पसंद और नापसंद को लेकर अवेयर रह सकते हैं। ऐसे में हर रिश्ते की तरह इस रिश्ते में भी माता-पिता को एक-दूसरे के स्‍पेस का ध्‍यान रखना चाहिए। हर छोटी-छोटी बातों पर दखल देना ठीक नहीं है।

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बच्चे के सामने सेट करें उदाहरण

सुधा जी कहती हैं कुछ भी फॉलो कराने के लिए बच्‍चे के साथ बिल्कुल भी जोर- जबरदस्‍ती ना करें। अपनी आदतों को उसपर थोपने से बचें और सबसे पहले बच्चे के सामने उदाहरण सेट करें। ऐसे में अगर बच्चा आपकी उस बात से प्रभावित होता है तो वो बिना जोर-जबरदस्ती के उसे अपना लेगा।

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सादा जीवन जिएं

सुधा जी बच्चों को सिंपल लिविंग खीखाने की सलाह देती हैं। सुधा जी का मानना है जीवन सादा और शांत ही होना चाहिए उसे इतनी चकाचौंध से नहीं भरना चाहिए कि बच्चा उस माहौल में घुटन या फिर थकान का अनुभव करे।

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बांटने का विचार सीखाना जरूरी

सुधा जी इस बात को अपने जीवन में भी उतार चुकी हैं। सुधा जी ने कहा है कि अगर हम बांटने का विचार बच्चों को सीखाते हैं तो इससे वो अच्छा अनुभव करते हैं। सुधा जी ने कहा कि बच्चों को पैसा, दया और प्यार बांटने का विचार सिखाना बहुत जरूरी है। अगर ये गुण आपके बच्चें में आ गए तो वो हर किसी को एक बराबर ही समझेगा।

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बच्चों को खुद सोच-विचार करने दें

सुधा जी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि हर समय बच्चों पर ध्यान देकर उनपर अतिरिक्त दबाव बिल्कुल भी ना बनाएं। वो क्या करना चाहते हैं वो क्या कर सकते हैं ऐसा उन्हें खुद सोचने दें ये उनके विकास के लिए महत्वपूर्ण बात साबित हो सकती है।