पैदा हुए तो पिता ने अपनाने से किया इनकार, छिना मां का साया, कई बार टूटे पर हारे नहीं गोविंदा

Govinda: ​गोविंदा के साथ गंभीर हादसा होते-होते बचा है। दरअसल गोविंदा के पैरों में गोली लग गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गोविंदा के अपने निजी रिवॉल्वर से ही उन्हें चोट पहुंची है। गोविंदा की रिवॉल्वर गलती से जमीन पर गिर गई, लॉक खुला था और गोली चल गई। गोविंदा खुशनसीब थे कि वह गंभीर रूप से घायल नहीं हुए। हालांकि वह हमेशा से खुशनसीब नहीं रहे हैं।

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गोविंदा: खुशनसीब या बदनसीब?

गोविंदा खुद इंटरव्यू में बता चुके हैं कि वह काफी बदनसीब रहे हैं। उन्होंने अपनी 4 महीने की बेटी की मौत का दर्द झेला है। बेटी समेत गोविंद अब तक अपने 17 करीबियों का सदमा झेल चुके हैं। इसके अलावा गोविंदा का बचपन भी थोड़ा मुश्किल बीता है। दरअसल गोविंदा ने बचपन में ऐसे दिन भी देखे हैं जब उनके पिता ने ही उन्हें अपनाने से इनकार कर दिया था। आइए जानते हैं पूरा मामला:

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गोविंदा का बचपन

गोविंदा का महाराष्ट्र के विरार में जन्मे थे। उनकी मां का नाम निर्मला देवी औऱ पिता का नाम अरुण आहूजा है। गोविंदा ने खुद बताया है कि जब वह पैदा हुए तो उनके पिता ने उन्हें गोद में लेने और छूने तक से इनकार कर दिया था।

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गोविंदा की मां

​गोविंदा के मुताबिक, जब वह अपनी मां के पेट में थे तब वह साध्वी बन गईं। भले वह पति के साथ थीं लेकिन जीवन साध्वी वाला जीने लगी थीं। साध्वी बनने के कुछ माह बाद गोविंदा का जन्म हुआ।​

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पिता ने अपनाने से किया इनकार

जब गोविंदा पैदा हुए तो पिता ने उन्हें छूने से मना कर दिया। दरअसल उन्हें लगता था कि गोविंदा के कारण ही उनकी पत्नी साध्वी बन गईं।

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आगे चलकर बदला माहौल

हालांकि परिवार के लोगों और करीबियों के समझाने के बाद गोविंदा के पिता ने उन्हें अपना प्यार और दुलार दिया। बाद में एक वक्त ऐसा आया कि गोविंदा अपने पिता के काफी करीब हो गए।

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कड़वाहट ने नहीं रोकी कामयाबी

मां को खोने के दर्द और बचपन की कड़वाहट को गोविंदा ने अपने करियर के बीच नहीं आने दिया। उन्होंने फिल्मों में करियर बनाया और सफलता के शिखर तक पहुंचे। गोविंदा अपनी कामयाबी के लिए सबसे बड़ा हाथ अपनी कड़ी मेहनत का बताते हैं।

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गोविंदा ने पेश की है मिसाल

गोविंदा की कामयाबी हर उस इंसान के लिए सबक है जो ये मान लेता है कि भगवान ने उसे परेशानियों में उलझने के लिए ही पैदा किया है। गोविंदा की जिंदगी करोड़ों लोगों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है।