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कभी बकरे की खाल में भरकर आती थी हींग, लोग भगाते थे भूत, जानें बदबूदार हींग कैसे बना किचन किंग?

भारतीय मसालों में हींग ऐसी चीज है जो लगभग हर घर में आपको मिल जाएगी। ज्यादातर घरों में चाहे कोई सा भी व्यंजन बनाना हो उसमें एक चुटकी हींग तो जरूर डाली जाती है। हींग को उसकी तेज महक के कारण अफगानिस्तान के लोग उसे शैतान का गोबर भी कहते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि सिर्फ भारत ही ऐसा देश है जहां हींग को खाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

अफगानिस्तान की हींग यूं बनी किचन किंग अफगानिस्तान की हींग यूं बनी किचन किंग
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अफगानिस्तान की हींग यूं बनी किचन किंग

हींग का नाम आते ही सबसे पहले उसकी महक याद आती है। हींग की महक इतनी तेज होती है कि अगर हींग हाथ में लग जाए तो चाहे जितना धुल लें, यह लंबे समय तक बना रहता है। हींग का सबसे बड़ा उत्पादक अफगानिस्तान, ईरान और उज्बेकिस्तान है तो वहीं सबसे बड़ा उपभोक्ता देश भारत है।

सिर्फ भारत के लोग खाते हैं हींग सिर्फ भारत के लोग खाते हैं हींग
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सिर्फ भारत के लोग खाते हैं हींग

भले ही हींग की सबसे ज्यादा पैदावार अफगानिस्तान जैसे देशों में होती है लेकिन वहां के लोग हींग खाते नहीं हैं। दुनिया में भारत ही ऐसा देश है जहां हींग का इस्तेमाल खाने में किया जाता है। किसी जमाने में अफ्रीका और जमैका में लोग भूत प्रेत भगाने के लिए हींग के ताबीज पहनते थे। उनका मानना थी कि हींग की बददू भूत प्रेत के साये को दूर रखती है।

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दवाई भी है हींग

हींग का इस्तेमाल किसी समय में दवाई के तौर पर भी हुआ। साल 1918 में जब अमेरिका में स्पैनिश फ्लू का कहर बरपा था तब भी वहां कुछ लोगों ने हींग का पाउच पहना था। आज की तारीख में दुनिया के कई देश ऐसे हैं जहां हींग का इस्तेमाल जौविक खेती में कीटनाशक के तौर पर किया जाता है।

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बकरे की खाल में भरकर आती थी हींग

मुगल बादशाह अकबर को भी हींग पसंद थी। उसने आगरा में ही हींग की मंडी बनवा दी। यह भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी हींग की मंडी थी। तब अफ़गान लोग पहाड़ पर जाते, हींग जमा करके, उन्हें बकरों की खाल में पैक करके आगरा ले आते।

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जब हींग ने शुरु कराया जूतों का कारोबार

बकरे की खाल में जो हींग आती थी वो हींग तो बिक जाती बकरे की खाल का वह चमड़ा बच जाता था। इस चमड़े को खपाने के लिए कुछ व्यापारी उससे जूते बनाने लगे। धीरे-धीरे जूतों का कारोबार बढ़ने लगा। देखते ही देखते ये चमड़े के जूते आगरा की पहचान बन गए।