मुगल कैसे मनाते थे रक्षाबंधन का त्योहार, कौन बांधता था अकबर को राखी?

Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन का त्योहार आ गया है। 19 अगस्त को राखी है लेकिन पूरा देश भाई बहन के इस पर्व के रंग में रंगा नजर आ रहा है। भाई बहन एक साथ इकट्ठा हो चुके हैं। कहीं बहन अपने मायके पहुंची हैं तो कहीं भाई बहन के ससुराल उससे राखी बंधवाने पहुंचा है। मिठाई की दुकानों पर लंबी कतारें नजर आ रही हैं। लोग एक दूसरे को राखी के इस प्यार भरे त्योहार की शुभकामनाएं भी दे रहे हैं।

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मुगल और रक्षाबंधन

राखी का इतिहास भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पर्व इस बात की गवाही देता है कि हिंदू धर्म को मानने वाले भले अपनी जान लुटा दें लेकिन बहन पर आंच नहीं आने देंगे। सालों से राखी बांधने की परंपरा चली आ रही है। जब हिंदुस्तान की सरजमीं पर मुगलों का कब्जा था तब भी राखी का त्योहार खूब धूमधाम से मनाया जाता था। क्या आपने सोचा है कि क्या अकबर भी रक्षाबंधन मनाता था। अगर मनाता था तो वो किस से राखी बंधवाता था?

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हुमायूं को रानी कर्णावती बांधती थीं राखी

मुगल इतिहास में बादशाह हुमायूं को राजपूत रानी कर्णावती की ओर से राखी भेजे जाने का जिक्र है। ऐसा कहा जाता है कि हुमायूं ने राजपूत बहन की राखी की लाज रखी थी।

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अकबर और जहांगीर भी मनाते थे रक्षाबंधन

सिर्फ हुमायूं ही नहीं बल्कि बादशाह अकबर और उसके बाद मुगल सम्राट जहांगीर भी रक्षाबंधन को बड़े ही धूमधाम से मनाते थे और कलाई पर राखी भी बंधवाते थे।

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अकबर और राखी

अपने पिता हुमायूं की तरह ही अकबर रक्षाबंधन पर्व मनाता था। इसका पहला कारण तो अकबर का राजपूत घराने से संबंध था और दूसरा कारण यह था कि अकबर के दरबार में कई दरबारी हिंदू थे।

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कौन बांधता था अकबर को राखी?

मशहूर इतिहासकार इरफान हबीब के मुताबिक अबकर ने रक्षाबंधन के दिन दरबार में ही राखी बंधवाने की परंपरा शुरू की थी। अकबर को राखी बांधने के लिए इतने लोग पहुंचते थे कि राखी बंधवाने में पूरा-पूरा दिन गुजर जाया करता था।