पांचों पतियों का पेट भरने के लिए द्रोपदी ने बना ड़ाली थी Pani Puri.. महाभारत काल में सास कुंती ने रखी थी ऐसी शर्त, गजब है कहानी

महाभारत काल से जुड़ी कई दिलचस्प कहानियां हम सुनते रहते हैं, जिसमें एक द्रौपदी द्वारा पांचों पतियों के लिए खाना बनाने की कहानी भी है। कहानियों की माने तो द्रोपदी ने उस काल में वन में बैठकर पानी पुरी या गोल गप्पे का आविष्कार कर ड़ाला था। देखें महाभारत द्रोपदी और पांडव की पानी पुरी वाली कहानी।

महाभारत काल में बनी थी पानी पुरी
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महाभारत काल में बनी थी पानी पुरी

बहुत ही दिलचस्प बात है कि, महाभारत काल में हर किसी के फेवरेट स्ट्रीट फुड पानी पुरी या गोल गप्पे का आविष्कार हो गया था। वो भी पांडवो की पत्नी द्रोपदी द्वारा, यहां देखें द्रोपदी और पानी पुरी की एकदम अजब गजब कहानी का सच क्या है।

सास ने रखी थी शर्त
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सास ने रखी थी शर्त

द्रोपदी की शादी के बाद वे पतियों और सास संग वन में रहती थीं, जहां खाने के सामान कम था। तो सास कुंती ने बहू के सामने कम सामान में पतियों का पेट भरने और उन्हें खुश करने की शर्त रखी थी। जिससे पता चले कि द्रोपदी कैसे अच्छी बहू बनेंगी और कम में घर संभाल लेंगी।

बहू को दे दी ये चीजें
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बहू को दे दी ये चीजें

कुंती ने बहू का टेस्ट लेने के लिए उनके सामने थोड़े बचे आलू, तेल, आटा तो कुछ मसाले दे दिए और उसी में पतियों का पेट भरने की शर्त रखी। वहीं ये भी कहा कि खाने का स्वाद भी बढ़िया होना चाहिए।

बना ड़ाली पानी पुरी
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बना ड़ाली पानी पुरी

ऐसे में द्रोपदी ने उस आटे से पूरी बनाई और उसमें आलू का तीखा मसाला भरा और पानी में भी कुछ मसाले ड़ालकर पतियों के सामने परोस दिया।

खुश हुए सारे पति
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खुश हुए सारे पति

पानी पुरी या गोल गप्पा खाकर पांचों पांडवों का पेट भी भर गया और सबको स्वाद भी बढ़िया लगा। ये देख के कुंती भी बेहद खुश हो गईं और यही से शुरू हुआ था पानी पुरी खाने का चलन जो आज हर गली नुक्कड़ पर चाव से खाई जाती है।

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