सद्गुरु का ईशा फाउंडेशन बड़े-बड़े टूरिस्ट डेस्टिनेशंस को करता है फेल, नजारे देखकर बार-बार आने का करेगा मन
सद्गुरु जग्गी वासुदेव का साम्राज्य ईशा फाउंडेशन बेहद सुंदर जगह है। यहां देश-विदेश से हजारों की संख्या में लोग योग, मेडिटेशन और आध्यात्म के लिए आते हैं। ईशा फाउंडेशन में स्थापित 'आदियोगी' किसी टूरिस्ट डेस्टिनेशन से कम नहीं है। दरअसल ये जगह बड़े-बड़े फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशंस को फेल करती हैं।
कोयंबटूर में स्थित है सद्गुरु का साम्राज्य
सद्गुरु जग्गी वासुदेव का साम्राज्य ईशा योग केंद्र कोयंबटूर में स्थित है। ये जगह कोयंबटूर शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर है।
किसी टूरिस्ट डेस्टिनेशन से कम नहीं है ईशा फाउंडेशन
ईशा फाउंडेशन में स्थापित 'आदियोगी' किसी टूरिस्ट डेस्टिनेशन से कम नहीं है। दरअसल ये जगह बड़े-बड़े फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशंस को फेल करती हैं।
ईशा फाउंडेशन में लगी है 'आदियोगी' की मूर्ति
ईशा फाउंडेशन में 'आदियोगी' की मूर्ति स्थापित है। ये प्रतिमा 112 फीट ऊंची है, जिसका वजन लगभग 500 टन है।
असली रुद्राक्ष से बनाई गई है मूर्ति की गले की माला
आदियोगी मूर्ति की गले की माला को असली रुद्राक्ष से बनाया गया है। ये दुनिया की सबसे बड़ी रुद्राक्ष माला भी है, जिसमें 100,008 रुद्राक्ष पिरोए गए हैं।
देश के साथ विदेशी टूरिस्ट भी आते हैं यहां
इसके हॉल को बिना सीमेंट या कंक्रीट का उपयोग किए बनाया गया है। हर साल महाशिवरात्रि के मौके पर ईशा फाउंडेशन में भव्य कार्यक्रम का आयोजन होता है।
योग, मेडिटेशन और आध्यात्म के लिए आते हैं लोग
यहां देश-विदेश से हजारों की संख्या में लोग योग, मेडिटेशन और आध्यात्म के लिए पहुंचते हैं।
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