तार-तार हो रही रिश्तों की मर्यादा, पैसा देख प्यार कर रहे लोग, क्यों सौ की स्पीड से बढ़ रहा थ्रोनिंग का चलन

What is Throning: किसी ने क्या खूब कहा है कि प्यार अंधा होता है। ये जिससे होना होता है उससे हो जाता है। लेकिन अब मामला बदल गया है। लोग सोच समझकर प्यार करते हैं। किसी भी रिश्ते में आने से पहले आज पीढ़ी अपना फायदा और नुकसान देख लेती है। रिश्तों के इसी कैलकुलेशन की उपज है थ्रोनिंग।

01 / 05
Share

थ्रोनिंग का बढ़ता चलन

Throning: एक दौर था जब पहली नजर का प्यार ना जाने कितने इम्तिहानों से गुजरकर मुकम्मल हो पाता था। अब तो पहले नजर के प्यार की जगह सोशल मीडिया ने ले ली है। कई डेटिंग ऐप्स आ चुके हैं जहां लोग अपने लिए पार्टनर की तलाश कर रहे हैं। सोशल मीडिया के जमाने में सोशल स्टेटस और पैसा देखकर पार्टनर चुनने का चलन बढ़ा है। युवा पीढ़ी के बीच ये ट्रेंड थ्रोनिंग नाम से पॉपुलर है।

02 / 05
Share

क्या होती है थ्रोनिंग

थ्रोनिंग का मतलब है कि कोई किसी को सिर्फ इसलिए पार्टनर चुनता है क्योंकि वे समाज में एक अच्छे दर्जे पर हैं या बहुत पैसे वाले हैं। थ्रोनिंग रिलेशनशिप चुनने वाले पार्टनर के अच्छे या बुरे गुणो की परवाह नहीं करते बल्कि सिर्फ यह देखते हैं इस रिश्ते से उन्हें क्या फायदा हो सकता है।

03 / 05
Share

क्यों बढ़ रहा थ्रोनिंग का चलन

दरअसल थ्रोनिंग का चलन बढ़ने के पीछे सबसे बड़ा हाथ सोशल मीडिया का है। लोग सोशल मीडिया के जरिये दुनिया को दिखाते हैं कि वो कितने सफल या पैसे वाले हैं। ऐसा करने में थ्रोनिंग उनकी खूब मदद करता है।

04 / 05
Share

क्या हैं थ्रोनिंग के नुकसान

थ्रोनिंग का सबसे बड़ा नुकसान ये है कि किसी भी रिश्ते की जो मूल आत्मा प्यार होती है वो इस चलन में सबसे आखिरी पायदान पर होता है। यह रिश्ता कभी भी ताश के पत्तों की तरह बिखर सकता है।

05 / 05
Share

थ्रोनिंग के फायदे

थ्रोनिंग के फायदों की बात करें तो यह रिश्ते में इमोशनल डैमेज की संभावनाओं को खत्म करता है। आपको पहले पता रहता है कि ये रिश्ता प्यार नहीं पैसों को देखकर बना है। तो जब कभी ब्रेकअप होता है तो आप उसे दिल पर नहीं लेते। आप दूसरे पार्टनर की तलाश में लग जाते हैं।