दूध बेचना मतलब बेटा बेचना, भारत का इकलौता गांव जहां पाप है दूध का व्यापार

इस गांव के लोग खुद को भगवान राम का वंशज मानते हैं। गांव में भगवान राम का भव्य मंदिर भी है। इस गांव में दूध इतना होता है कि कोई भी इसे बेचकर लखपति बन जाए, लेकिन ये किसी भी हाल में दूध बेचते नहीं हैं। यहां सदियों से यही परंपरा चली आ रही है। यहां के लोग आज भी दूध के व्यापार को पाप समझते हैं और इसे मुफ्त में बांट देते हैं।

अनोखा गांव जहां दूध बेचना पाप है
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अनोखा गांव जहां दूध बेचना पाप है

भारत में दूध की खपत बहुत ज्यादा होती है। लगभग हर घर में रोजाना दूध जरूर इस्तेमाल होता होगा। दूध को कोई चाय के लिए इस्तेमाल करता है तो कोई पीने के लिए। लोगों की जरूरत को देखते हुए छोटे बड़े व्यापारी दूध के व्यापार से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। वहीं आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में एक गांव ऐसा भी है जहां दूध के व्यापार को पाप समझा जाता है। और पढ़ें

कुसुमा मालीपुरा गांव
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कुसुमा मालीपुरा गांव

राजस्थान के सिरोही जिले में कुसमा मालीपुरा नाम का गांव है। इस गांव में सांखला माली जाति के लोग रहते हैं। इस गांव के लोग मानते हैं कि दूध बेचना पाप है और वह यह पाप नहीं करेंगे।

दूध बेचना बेटा बेचने जैसा
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दूध बेचना बेटा बेचने जैसा

खुद को भगवान राम के पुत्र कुश का वंशज बताने वाले इस गांव के लोगों के अनुसार दूध बेचना बेटा बेचने जैसा ही पाप है। इसी कारण वो दूध के व्यापार से दूर हैं।

क्या करते हैं दूध
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क्या करते हैं दूध?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस गांव हर दिन करीब तीन सौ लीटर दूध होता है। लेकिन उसे ये लोग बेचते नहीं हैं। अपने उपयोग के बाद जो दूध बच जाता है उससे ये लोग दही जमा देते हैं।

जरूरतमंदों को कर देते हैं दान
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जरूरतमंदों को कर देते हैं दान

अगली सुबह दही से बने छाछ लोगों के बीच मुफ्त बांट दिया जाता है। इतना ही नहीं ये लोग दूध से घी बनाकर मंदिरों में पूजा पाठ के लिए भी दान कर देते हैं।

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