फ्रांसिसी जुराब के शौकीन थे निजाम, उनके मोजे उन्हें ही बेच करोड़पति बन गया नौकर

Nizam Mehboob Ali Khan: भारत निजाम औऱ नवाबों के एक से एक रोचक किस्से इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं। कोई नवाब अपनी अय्याशी के लिए कुख्यात थे तो कोई अपनी वीरता के लिए जाना गया। हैदराबाद के छठवें निजाम रहे महबूब अली खान से जुड़ा एक किस्सा है जब उनके पहने मोजे उन्हें ही बेचकर करोड़पति बन गया था नौकर

हैदराबाद के छठवें निजाम महबूब अली खान
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हैदराबाद के छठवें निजाम महबूब अली खान

महबूब अली खान को लोग तीस मार खां भी कहा करते थे। दरअसल वह शिकार के बड़े शौकीन थे और उन्होंने 30 खूंखार जानवरों का शिकार किया था। आगे चलकर यही तीस मार खां एक कहावत के तौर पर इस्तेमाल किया जाने लगा।

विदेशी फैशन के थे मुरीद
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विदेशी फैशन के थे मुरीद

महबूब अली खान वेस्टर्न लाइफस्टाइल के काफी मुरीद थे। खुद उनकी पढ़ाई लिखाई वेस्टर्न स्टाइल में हुई थी। उन्हें फ्रांस का फैशन बहुत पसंद था। उन दिनों में फ्रांस अपने फैशन सेंस के लिए पूरी दुनिया में मशहूर था। महबूब अली खान सिर्फ फ्रांस से मंगाए मोजे ही पहनते थे।

एक बार पहन फेंक देते थे मोजे
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एक बार पहन फेंक देते थे मोजे

हैरियट रॉन्केन लिंटन और मोहिनी राजन की बुक डेज ऑफ द बिलव्ड (Days Of The Beloved) की मानें तो निजाम एक बार पहनकर वह कीमती मोजे फेंक दिया करते थे। फिर उनके लिए फ्रांस से दूसरे मोजे मंगाए जाते थे।

मोजे इकट्ठे कर लेता था नौकर
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मोजे इकट्ठे कर लेता था नौकर

महबूब अली खान का एक खास नौकर था। वह निजाम के फेंके मोजे इकट्ठा करता रहता था। एक बार कई जोड़ी मोजे जब इकट्ठे हो गए तो वह उन्हें बोरी में भरकर बेचने चला गया। हालांकि वह मोजे साइज में छोटे होने के कारण बिके नहीं।

निजाम को बेच डाले उन्हीं के मोजे
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निजाम को बेच डाले उन्हीं के मोजे

डेज ऑफ द बिलव्ड में जिक्र है कि जब मोजे बाजार में नहीं बिके तो निजाम के नौकर ने एक तरकीब लगाई। उसने उन सारे मोजों को ड्राई क्लीन करवाया। उसपर नए लेबल चिपकाए और वही मोजे नए बताकर निजाम को बेच दिये। निजाम के पुराने मोजे उन्हें ही बेच कर उनका नौकर करोड़पति बन गया था।

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