फरवरी को क्यों कहते हैं मोहब्बत का महीना, आशिकों के लिए 'महाकुंभ' कैसे बना ये मंथ

फरवरी का महीना शुरू हो गया है। इस महीने को मोहब्बत का महीना कहा जाता है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि साल के इस सबसे छोटे महीने को प्यार का महीना क्यों कहा जाता है। आखिर क्या बात है कि फरवरी को इश्क से जोड़ते हुए दर्जनों शायरों ने एक से बढ़कर एक बेहतरीन शेर लिखे हैं। अगर आपके मन में भी ये सवाल बार-बार उठता है कि फरवरी को माह-ए-इश्क क्यों कहते हैं तो यहां हम आपकी मदद कर रहे हैं।

फरवरी कैसे बना प्यार का महीना
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फरवरी कैसे बना प्यार का महीना?

फरवरी के लिए किसी ने क्या खूब कहा है कि इश्क पर जोर किसी का नहीं चलता, फरवरी महीने में ये दिल बड़ा मचलता है.. जी हां, फरवरी महीने में कुछ अलग ही बात है। पतझड़ और बसंत का मिलन कराने वाली ये फरवरी दिलों को भी जोड़ती है। तभी तो लोग इसे माह-ए-मोहब्बत भी कहते हैं। इस पूरे महीने फिजाओं में इश्क के गुलमोहर की खुशबू तैरती रहती है।

प्यार और इजहार का महीना फरवरी
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प्यार और इजहार का महीना फरवरी

फरवरी के पूरे महीने लोग एक दूसरे से प्यार बांटते हैं। इसी महीने की 7 तारीख को लोग गुलाब का फूल देकर अपने प्यार का इजहार करते हैं। इस खास दिन को रोज डे के तौर पर दुनियाभर में सेलिब्रेट किया जाता है।

हर दिन कुछ खास
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हर दिन कुछ खास

फरवरी की 8 तारीख को लोग प्यार का इजहार करते हैं। इसे प्रपोज डे कहा जाता है। इसी तरह से 9 फरवरी को चॉकलेट डे, 10 तारीख को टेडी डे, 12 तारीख को किस डे, 13 तारीख को हग डे मनाया जाता है।

वैलेंटाइंन्स डे
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वैलेंटाइंन्स डे

फिर आती है 14 फरवरी। फरवरी महीने की इस तारीख को दुनियाभर में वैलेंटाइन्स डे मनाया जाता है। यह दिन आशिकों के लिए किसी महाकुंभ के शाही स्नान सा होता है। लोग इश्क के समुंदर में नहाए नजर आते हैं।

पूरे महीने बांटते हैं प्यार
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पूरे महीने बांटते हैं प्यार

ये तारीखें साफ करती हैं कि फरवरी के पूरे महीने सिर्फ और सिर्फ प्यार बांटा जाता है। शायद इसी कारण फरवरी के इस महीने को मोहब्बत का महीना कहा जाता है।

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