इस मुगल बादशाह के हरम में थीं सबसे ज्यादा औरतें, हर रात आती थी चीखने-चिल्लाने की आवाज

मुगल बादशाहों के काल में 'हरम' ऐसी चीज रही है, जिसने इतिहासकारों का सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित किया है। इन हरम में बादशाह के लिए महिलाओं को रखा जाता था। कहा जाता था जिसके हरम में जितनी ज्यादा महिलाएं, वो बादशाह उतना ही ज्यादा महान। युद्ध और साम्राज्य के कामों के बाद मुगल बादशाह ज्यादातर समय इन्हीं हरम में बिताते थे। ये औरतें बादशाह की सेवा के लिए रखी जाती थीं। इनमें से कुछ ही औरतें होती थीं जो मुगल बारशाह के बिस्तर तक जाती थीं, बाकी महिलाएं नृत्य, संगीत और शराब परोसने के लिए रखी जाती थीं।

बाबर के दौर से हुई थी हरम की शुरुआत
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​बाबर के दौर से हुई थी हरम की शुरुआत​

इतिहासकारों की मानें तो मुगल बादशाह बाबर के दौर से हरम की शुरुआत हुई थी। बाबर ने अपने हरम में कई महिलाओं को रखा था, जिनका काम बादशाह को खुश करना होता था।

अकबर ने दिया हरम को विस्तार
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​अकबर ने दिया हरम को विस्तार​

कहा जाता है कि हरम को असली विस्तार मुगल बादशाह अकबर ने ही दिया। उसके हरम में 5000 से ज्यादा महिलाएं थीं। इसमें कई महिलाएं ऐसी थीं, जो दूसरे देशों से लाई गई थीं।

जहांगीर भी था महिलाओं का शौकीन
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​जहांगीर भी था महिलाओं का शौकीन​

अकबर के अलावा जहांगरी भी महिलाओं का शौकीन था। उसके हरम में भी हजारों महिलाओं को रखा गया था।

गैर मर्दों की एंट्री थी बैन
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​गैर मर्दों की एंट्री थी बैन​

हरम में बादशाह के अलावा किसी अन्य मर्द की एंट्री पर पूरी तरह बैन था। इसलिए हरम महल में ऐसी जगह बनाए जाते थे, जहां आसानी से कोई न पहुंच सके।

औरतों की सुरक्षा करते थे किन्नर
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​औरतों की सुरक्षा करते थे किन्नर​

हरम में औरतों को सुरक्षा करने के लिए किन्नरों को तैनात किया गया था। यहां पुरुष सैनिकों पर भी बैन था।

धनुष-भाले लेकर तैनात रहती थीं औरतें
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​धनुष-भाले लेकर तैनात रहती थीं औरतें​

हरम में किन्नरों के अलावा भारी-भरकम शरीर वाली औरतों को भी रखा गया था, जिनकी जिम्मेदारी अन्य महिलाओं की सुरक्षा की होती थी। इन्हें धनुष-भालों से लैस किया गया था।

नाच-गाना और शराब
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नाच-गाना और शराब

हरम में सबसे ज्यादा नाच गाना और शराब परोसने का काम होता था। मुगल बादशाह अक्सर यहां समय बिताते थे।

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