92 फाटक और 14 लाख क्यूसेक पानी से तबाही के मुहाने पर खड़ा बिहार, गंगा-कोसी और गंडक ने धरा खतरनाक रौद्र रूप

बिहार इस समय तबाही के मुहाने पर खड़ा है। बिहार की प्रमुख नदी गंगा विकराल रूप धर चुकी है। बिहार का शोक कही जाने वाले कोसी नदी भी 56 साल की रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी में है। कोसी में लगभग 7.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया है। उधर गंडक भी अपने उफान है और 6.8 लाख क्यूसेक पानी इधर से भी निकलने वाला है। इसके अलावा कमला बगान, बूढ़ी गंडक और बागमती भी उफान पर है।

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कोसी तोड़ेगी 56 साल का रिकॉर्ड

नेपाल से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण कोसी बैराज भर चुका है। बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा चुका है। 56 सालों में पहली बार है, जब कोसी बैराज से 7 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने की तैयारी हो रही है। इससे पहले 5 अक्टूबर 1968 को 7.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। आज रात तक कोसी नदी का जलस्तर 15-30 सेमी बढ़ने की उम्मीद है।

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कोसी बैराज के सभी 56 गेट खोले गए

कोसी बैराज के सभी 56 गेट खोल दिए गए हैं। लगातार बारिश के कारण कोसी नदी का जल प्रवाह तेजी से बढ़ गया है। नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही वर्षा के कारण सीमावर्ती जिलों में कई स्थानों पर नदियों का जलस्तर खतरे के निशान पर या उससे ऊपर पहुंच गया है। जल संसाधन विभाग ने सभी क्षेत्रीय अभियंताओं को तटबंधों, संरचनाओं की सुरक्षा के दृष्टिकोण से आगामी 48 घंटों तक संवेदनशील, अतिसंवेदनशील स्थलों पर कैंप करने का निर्देश दिया गया है।

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कोसी-गंडक से कितना पानी छोड़ा गया

कोसी शनिवार सुबह आठ बजे कोसी बीरपुर बैराज से 7.54 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। वहीं गंडक नदी पर स्थित वाल्मीकिनगर बैराज से लगभग 6.87 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। नेपाल में लगातार अत्यधिक एवं अप्रत्याशित बारिश हो रही है, जिसके चलते आगामी 48 घंटों के दौरान नेपाल से आने वाली गंडक, कोसी, महानंदा आदि नदियों में अप्रत्याशित जलस्राव प्रवाहित होने की संभावना है।

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गंडक तोड़ेगी 21 साल पुराना रिकॉर्ड

गंडक के वाल्मीकिनगर बैराज भी 21 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी में है। गड़क बैराज के सभी 36 गेट खोल दिए गए हैं। गंडक से निकलने वाला पानी बिहार के निचले हिस्से में तबाही मचा देगा। सोमवार की सुबह तक गंडक नदी का जलस्तर आज शाम की तुलना में 40 सेमी से अधिक बढ़ने की उम्मीद है।

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गंगा का भी विकराल रूप

बिहार में गंगा का जलस्तर पिछले कुछ दिनों से कम हो रहा था, लेकिन आज से इसके भी बढ़ जाने की संभावना है। गंगा पहले से ही उफान पर थी, अब कोसी और गंडक के रौद्र रूप धरने के कारण गंगा भी विकाराल हो जाएगी। आज रात तक गंगा का जलस्तर आज शाम की तुलना में 5-15 सेमी बढ़ने की उम्मीद है। कोसी और गंडक का पानी जब गंगा में मिलेगा और बिहार में और तबाही मच सकती है।

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बिहार के कितने जिले बाढ़ से प्रभावित

बिहार में गंगा नदी के किनारे बसे करीब 12 जिलों के कुल 376 पंचायतों में बाढ़ जैसे हालात हैं और निचले इलाकों में रहने वाले करीब 13.56 लाख लोग बढ़ते जलस्तर से प्रभावित हुए हैं। इन जिलों के निचले इलाकों से बड़ी संख्या में लोगों को निकालकर बाढ राहत शिविरों में लाया गया है। इन प्रभावित 12 जिलों में बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार शामिल हैं।। लेकिन कोसी और गंडक में पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ का दायरा और बढ़ सकता है।

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बिहार में कौन-कौन सी नदियां उफान पर

बिहार में गंगा, कोसी, और गंडक तो उफान पर है ही, इसके अलावा कमला बगान, पुनपुन, बूढ़ी गंडक, बागमती जैसी बड़ी और कई अन्य छोटी नदियां उफान पर हैं। सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, शिवहर, औराई और सुप्पी में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। मधुबनी, लखनौर और झंझारपुर में कमला बलान नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। अररिया में परमान नदी का जलस्तर खतरे के निशान 47 मीटर से ऊपर है। इन नदियों के किनारे बसे गांव और शहर बाढ़ की चपेट में हैं। हजारों हेक्टयर फसल बर्बाद हो चुके हैं, हजारों लोगों को घर छोड़ना पड़ा है।