यूपी के 12 जिलों के 518 गांव होंगे कनेक्ट, जानिए कब तक तैयार होगा देश का दूसरा सबसे लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे

Ganga Expressway Update: देश में सड़क नेटवर्क का विस्तार लगातार जारी है। एक तरफ जहां देश का सबसे लंबा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे तेजी से बन रहा है, वहीं यूपी समेत कई राज्यों में भी एक के बाद एक एक्सप्रेस-वे तेजी से बन रहे हैं। इनमें से ही एक है यूपी का गंगा एक्सप्रेस-वे। खास बात यह है कि ये देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा। क्या-क्या होगा इसमें खास जानिए।

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यूपी में सबसे अधिक एक्सप्रेस-वे

उत्तर प्रदेश फिलहाल देश में सबसे अधिक एक्सप्रेस-वे वाला राज्य है। यहां 6 एक्सप्रेस-वे संचालित हैं, जबकि 7 निर्माणाधीन हैं। इनमें सबसे लंबा है गंगा एक्सप्रेस-वे। यह सीएम योगी की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना भी है।

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गंगा एक्सप्रेस-वे की लंबाई 594 किमी.

गंगा एक्सप्रेस-वे की प्रस्तावित लंबाई 594 किमी है, जो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के बाद देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बनने जा रहा है। भारत के टॉप 10 लंबे एक्सप्रेस-वे में यूपी के चार एक्सप्रेस-वे का स्थान है। गंगा एक्सप्रेस-वे शुरू होने के साथ ही टॉप 10 में यूपी के 5 एक्सप्रेस-वे शामिल हो जाएंगे.

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2025 में महाकुंभ से पहले शुरू करने का लक्ष्य

2025 में महाकुंभ से पहले ही इस बहुप्रतीक्षित एक्सप्रेस-वे को शुरू करने का लक्ष्य है। प्रदेश को पूरब से पश्चिम तक जोड़ते हुए ये एक्सप्रेस-वे 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा। गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण भी 12 चरणों में ही किया जा रहा है।

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मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक

यह मेरठ से शुरू होगा और फिर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज पर खत्म होगा। इन शहरों की दूरी महज कुछ में ही घंटों में सिमट जाएगी।

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लागत 36,230 करोड़ रुपये

गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ-बुलंदशहर (एनएच 334) पर बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज में (एनएच 19) पर जूडापुर दादू गांव के पास खत्म होगा। 7467 हेक्टेयर जमीन पर तैयार होने वाले इस एक्सप्रेस-वे परियोजना की लागत 36,230 करोड़ रुपये है।

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वाहनों की स्पीड 120 किमी प्रतिघंटा होगी

गंगा एक्सप्रेस-वे को शुरुआत में छह लेन, और बाद में आठ लेन में विस्तार किए जाने का प्रस्ताव है। इस पर वाहनों की स्पीड 120 किमी प्रतिघंटा होगी। एक्सप्रेस-वे पर जगहों पर पर 9 जनसुविधा परिसरों को विकसित किया जाएगा।