दिल्ली में बह रही दमघोंटू हवा; पर 'धरती के फेफड़े' हैं यहां, नहीं पहुंच सकता प्रदूषण

Air Pollution: पंछी नदिया पवन के झोंके और प्रदूषण को कोई सरहद न रोके। आपको सुनने में ये पंक्तियां सुनी-सुनी सी लगेंगी, लेकिन एक मशहूर गाने में प्रदूषण का तड़का लगाया गया है और ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि दिल्ली से लेकर लाहौर तक वायु प्रदूषण से कोहराम मचा हुआ है और यह जहरीली हवा सीधे लोगों के फेफड़ों के गहरे हिस्सों तक पहुंचने की क्षमता रखती है। तभी तो आजकल लोगों को खांसी, सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दिनों 'धरती का फेफड़ा' एकदम मस्त है तो चलिए जानते हैं कि धरती का फेफड़ा आखिर किसे और क्यों कहां जाता है?

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'धरती का फेफड़ा'

अमेजन वर्षावन को 'धरती का फेफड़ा' कहा जाता है। बता दें कि अमेजन वर्षावन दुनियाभर में ऑक्सीजन का लगभग 20 फीसद हिस्सा उत्पन्न करता है और 25 फीसद कार्बन डाइऑक्साइड को निगल जाता है।

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ब्राजील की आबोहवा है बेहद साफ

ब्राजील का एक्यूआई 25 से 35 के बीच में बना हुआ है। जिसका मतलब स्पष्ट है कि यहां की आबोहवा एकदम स्वच्छ और सांस लेने लायक है और भी क्यों न, यहां का वर्षावन भारी मात्रा में ऑक्सीजन जो पैदा कर रहा है।

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दुनिया का सबसे बड़ा वर्षावन

अमेजन वर्षावन दुनिया का सबसे बड़ा वर्षावन है और ब्राजील में इसका सबसे ज्यादा लगभग 60 फीसद हिस्सा मौजूद है, जहां पर लाखों पेड़ और दुर्लभ वनस्पतियां हैं। इसके अलावा यहां पर सालाना लगभग 100 इंच तक बारिश होती है।

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कहां तक फैला है अमेजन वर्षावन?

अमेजन वर्षावन दक्षिण अमेरिका, ब्राजील, पेरू, कोलंबिया, वेनेजुएला, एक्वाडोर, बोलिविया, गयाना, सूरीनाम और फ्रेंच गयाना तक फैला हुआ है।

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अमेजन नदी

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अमेजन नदी ब्राजील से होकर गुजरती है। अमेजन नदी को जैव विविधता का केंद्र भी कहा जाता है, क्‍योंक‍ि इसमे बड़ी संख्‍या में जीव-जंतु और वनस्पतियां पाई जाती हैं और यह जैव विविधता वैश्विक पर्यावरण संतुलन में भी योगदान देती हैं।