बिहार में एक और पुल ढहा, एक सप्ताह में गिरे पांच पुल; देखें दिल दहला देने वाली तस्वीरें

बिहार में पुल गिरने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। बीते कुछ दिनों में प्रदेश के कई हिस्सों से पुल गिरने की घटनाएं सामने आई है।

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बिहार

बिहार में पुल ढहने की एक और घटना सामने आई है, जो एक सप्ताह से भी कम समय में राज्य की पांचवीं ऐसी घटना है। ताजा घटना प्रदेश के मधुबनी जिले के भेजा थाना क्षेत्र में सामने आई है, जो राज्य के उत्तरी छोर पर नेपाल की सीमा पर स्थित है।

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​​ग्रामीण निर्माण विभाग​

अधिकारियों ने हालांकि इस घटना के कोई जानकारी नहीं दी लेकिन ग्रामीण निर्माण विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया की है कि कुछ दिन पहले पुल का एक खंभा बह गया था। ग्रामीण निर्माण विभाग को 75 मीटर लंबे पुल के निर्माण का जिम्मा सौंपा गया है। उन्होंने बताया कि इस पुल का निर्माण लगभग तीन करोड़ रुपये की लागत से भुतही नदी पर किया जा रहा है।

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​​तेजस्वी यादव​

सूत्रों ने दावा किया कि जिला प्रशासन को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है, वहीं संबंधित ठेकेदार को जल्द से जल्द मरम्मत कराने का निर्देश दिया गया है। दो वर्ष से अधिक समय से निर्माणाधीन इस पुल के ढह जाने का वीडियो सार्वजनिक हुआ है। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने एक्स पर वीडियो साझा करते हुए अप्रत्यक्ष रूप से नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार में एक और पुल ढह गया। आपको पता चला? अगर नहीं, तो बताइए क्यों?

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​​बहादुरगंज ​

वहीं इससे पहले बिहार के किशनगंज जिले में एक पुल ढह गया। राज्य में एक सप्ताह में पुल ढहने की यह चौथी घटना थी। किशनगंज जिले में धराशायी हुआ पुल कंकई नदी की सहायक नदी पर बना 70 मीटर लंबा पुल था। यह बहादुरगंज और दिघलबैंक ब्लॉक को जोड़ता था। इसके ढहने से दोनों शहरों के बीच सड़क संपर्क प्रभावित हुआ है। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था।

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​​सीवान ​

बता दें, बिहार में पिछले हफ्ते सीवान और अररिया जिलों में पुल ढहने की तीन घटनाएं सामने आई थीं। अररिया जिले में 19 जून को बकरा नदी पर निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा उद्घाटन से पहले ही ढह गया था। यह 12 करोड़ रुपये की लागत से बना पुल था जो कि कुछ ही सेकंड में टूट गया था। बिहार में पिछले कुछ वर्षों में राज्य के विभिन्न स्थानों पर इस तरह की अनेक घटनाएं हुई हैं, जिससे राज्य में सार्वजनिक निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं।