सुरक्षा की अभेद्य दीवार बना ‘कवच 4.0’, खतरे को देखते ही रोक दी ट्रेन, पास किए ये 7 अहम टेस्ट
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को सवाई माधोपुर से इंद्रगढ़ सुमेरगंज मंडी तक स्थापित की गई स्वदेशी सुरक्षा प्रणाली 'कवच 4.0' का लोको परीक्षण किया। वैष्णव ने कोटा मंडल के सवाई माधोपुर से इंद्रगढ़ सुमेरगंज मंडी स्टेशन तक 'कवच' सिस्टम का लोको से निरीक्षण किया। इसके कई परीक्षण कामयाब रहे। इस दौरान रेल मंत्री ने लोको पायलटों के साथ संवाद किया और ‘कवच 4.0’ के बारे में सभी जानकारियां लीं। 'कवच' स्वचालित ट्रेन सुरक्षा और ट्रेन को टकराव रोकने की क्षमता प्रदान करता है।
कोटा-सवाई माधोपुर रूट पर परीक्षण
भारतीय रेलवे पर सबसे पहले पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा डिवीजन द्वारा कोटा-सवाई माधोपुर 108 किलोमीटर के खंड पर भारत की स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली 'कवच' संस्करण 4.0 को स्थापित किया गया है। रेल मंत्री ने सात अलग-अलग आपातकालीन स्थितियों में कवच की कार्यप्रणाली को देखा, जहां इसने उन सभी में उम्मीद के मुताबिक काम किया।
सात अहम टेस्ट पास किए
रेल मंत्री वैष्णव ने कवच को रेल सुरक्षा का भविष्य बताते हुए कहा कि पहले चरण में 10,000 लोकोमोटिव और 9,000 किमी रेलवे ट्रैक इस प्रणाली से लैस होंगे। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2030 तक राष्ट्रव्यापी स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसने सात अहम टेस्ट पास किए।
1. रुकने की गति
कवच ने ड्राइवर के हस्तक्षेप के बिना लाल सिग्नल से 50 मीटर की सुरक्षित दूरी पर ट्रेन को रोक दिया।
2. स्थायी गति प्रतिबंध
ट्रेन 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी, लेकिन कवच ने स्वचालित रूप से चेतावनी क्षेत्र में गति को 120 किमी प्रति घंटे तक कम कर दिया और इससे बाहर निकलने के बाद दोबारा 130 किमी प्रति घंटे पर बहाल कर दिया।
3. लूप लाइन
लूप लाइनों में कवच ने गति को स्वचालित रूप से सुरक्षित 30 किमी प्रति घंटे तक कम कर दिया।
स्टेशन मास्टर का संदेश
जब स्टेशन मास्टर ने एक समस्या उठाई, तो कवच ने सुरक्षा के लिए तुरंत ट्रेन रोक दी।
5. लेवल क्रॉसिंग सीटी
ड्राइवर ने हॉर्न का इस्तेमाल नहीं किया, लेकिन कवच ने लेवल क्रॉसिंग गेट पार करते समय स्वचालित रूप से इसे बजाया।
6. कैब सिग्नलिंग
यात्रा के दौरान अगला सिग्नल पहलू लोको के कैब डिस्प्ले पर लगातार दिखाई दे रहा था, कैब सिग्नलिंग प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
7. होम सिग्नल पासिंग
ड्राइवर ने लाल होम सिग्नल को पार करने का प्रयास किया, लेकिन कवच ने सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए और समय पर ट्रेन को रोककर ट्रेन को क्रॉस करने से रोक दिया।
8 साल से प्रोजेक्ट पर काम
कवच प्रणाली, जिसे स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली के रूप में भी जाना जाता है, अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा विकसित की गई है, और यह आपातकालीन स्थिति में स्वचालित रूप से ब्रेक लगा सकती है। रेल मंत्रालय पिछले आठ साल से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है।
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