इस खास चीज से बड़ा खतरा, हम सबको संभलने की जरूरत

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इस खास चीज से बड़ा खतरा, हम सबको संभलने की जरूरत

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प्लांट्स में प्राकृतिक मिठास

प्राकृतिक तौर पर कुछ प्लांट्स जैसे कि ग्रेप और मशरूम के प्लांट में कम मात्रा में शक्कर की मौजूदगी होती है। लेकिन कृत्रिम तरीके से भी निर्माण होता है। आर्टिफिशियल स्वीटनर से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

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इस लिए बढ़ जाता है खतरा

आमतौर पर सुगर के मरीज शक्कर से परहेज करते हैं। लेकिन सुगर फ्री या आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अब पता चला है कि इसकी वजह से हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे बढ़ जाते हैं।

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क्लॉटिग का बढ़ना

प्रयोगशाला में टेस्ट के दौरान पाया गया कि स्वीटनर में इरिथ्रिटॉल प्लेटलेट्स की मात्रा बढ़ा देता है और उसकी वजह से क्लॉटिंग की दिक्कत होती है।

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कृत्रिम स्वीटनर से बचें

कृत्रिम स्वीटनर की वजह से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। लिहाजा इससे बचने की सलाह दी जाती है।

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60 साल से अधिक एज ग्रुप पर खतरा ज्यादा

यहां पर टेस्ट में उन लोगों को शामिल किया गया जिनकी उम्र 60 साल से अधिक थी और वो पहले से किसी ना किसी तरह की परेशानी का सामना कर रहे थे।

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स्वास्थ्य को ना करें नजरंदाज

शोध के मुताबिक जिन लोगों का मेडिकल टेस्ट किया गया वो पहले से कार्डियो वस्कुलर परेशानी का सामना कर रहे थे और स्वीटनर उनकी परेशानी को और बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुआ।

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कुछ लोग नहीं रखते इत्तेफाक

हालांकि ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट की समस्याओं के लिए यही चीज जिम्मेदार है इससे कुछ शोधकर्ता इत्तेफाक नहीं रखते।

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भारतीयों को सतर्क रहने की जरूरत

भारत में स्ट्रोक के मरीजों को देखें तो वो संख्या 105 से 152 प्रति लाख है। इस आंकड़े से आप खुद ब खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि स्ट्रोक के मरीजों की संख्या करोड़ों में होगी